भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) उच्च स्तर के वैधानिक जांच का विरोध करने वाले साक्ष्य के संग्रह वाली गतिविधियों के लिए गुणवत्ता पूर्ण बेंचमार्क और प्रक्रियाओं की स्थापना कर फॉरेंसिक लेखांकन और जांच के लिए मानक पेश करने की योजना बना रहा है।
आईसीएआई के अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता ने कहा, ‘आज कई सारी जांचें चल रही हैं और हम पाते हैं कि कई बार फॉरेंसिक रिपोर्टें न्यायालय में स्वीकार्य नहीं होती हैं। ऐसे लेखांकन के लिए मानक तरीकों जो फिलहाल नहीं है, की स्थापना कर इस मुश्किल को दूर किया जा सकता है।’
आईसीएआई दिसंबर के अंत तक मसौदा दिशानिर्देश जारी कर उस पर सार्वजनिक राय को आमंत्रित करेगा। वह एमसीए, सेबी, आरबीआई, सीएजी सहित विभिन्न जांच एजेंसियों का विचार भी मांगेगा। एक प्रेस वक्तव्य में आईसीएआई ने कहा कि ये मानक आईसीएआई के सदस्यों को फॉरेंसिक और जांचों के बारे में एक अच्छा विवरण प्रदान करेगा और इन क्षेत्रों में परियोजनाओं और कार्यों कैसे आगे बढ़ाना है, पूरे हुए काम को कैसे पूरा करना है और अंत में, प्राप्त जानकारियों को उसके साझेदारों को किस प्रकार से देना है के बारे में मार्ग प्रशस्त करेगा।
गुप्ता ने कहा, ‘इसे विकसित करने की परियोजना विदेशी साहित्यों और मानकों पर सीए समुदाय की निर्भरता में कमी लाने और इसके बजाय सरकार के आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि के साथ अपनी बौद्धिक संपदा को विकसित करने के लिए आईसीएआई के भीतर हुई गहन चर्चा का परिणाम है।’
आईसीएआई ने कहा कि ये मानक विधि प्रवर्तन एजेंसियों, कॉर्पोरेटों, बैंकों और दूसरे साझेदारों के लिए भी उपयोगी होंगे।