facebookmetapixel
100 गीगावॉट लक्ष्य के लिए भारत में परमाणु परियोजनाओं में बीमा और ईंधन सुधारों की जरूरत: एक्सपर्टCII ने बजट 2026-27 में निवेश और विकास बढ़ाने के लिए व्यापक सुधारों का रखा प्रस्तावRBI ने बैंकों को कहा: सभी शाखाओं में ग्राहकों को बुनियादी सेवाएं सुनिश्चित करें, इसमें सुधार जरूरीसाल 2025 बना इसरो के लिए ऐतिहासिक: गगनयान से भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की उलटी गिनती शुरूदिल्ली देखेगी मेसी के कदमों का जादू, अर्जेंटीना के सुपरस्टार के स्वागत के लिए तैयार राजधानीदमघोंटू हवा में घिरी दिल्ली: AQI 400 के पार, स्कूल हाइब्रिड मोड पर और खेल गतिविधियां निलंबितUAE में जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता: यूरोप ब्रिटेन और मिस्र के विदेश मंत्री से की मुलाकात‘सच के बल पर हटाएंगे मोदी-संघ की सरकार’, रामलीला मैदान से राहुल ने सरकार पर साधा निशानासेमाग्लूटाइड का पेटेंट खत्म होते ही सस्ती होंगी मोटापा और मधुमेह की दवाएं, 80% तक कटौती संभवप्रीमियम हेलमेट से Studds को दोगुनी कमाई की उम्मीद, राजस्व में हिस्सेदारी 30% तक बढ़ाने की कोशिश

सिंगल नोडल एजेंसी नहीं देगी इच्छित परिणामः पूर्व सीएजी

Last Updated- December 11, 2022 | 6:21 PM IST

पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) और वित्त सचिव राजीव महर्षि ने आज कहा कि सिंगल नोडल एजेंसी (एसएनए) संभवतः इच्छित परिणाम नहीं देगी। महर्षि का बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार ने कुछ दिन पहले कहा था कि एसएनए ने वित्त वर्ष 22 में 10,000 करोड़ रुपये बचाए हैं।
मेनस्ट्रीमिंग डिजिटलाइजेशन आफ पब्लिक एक्सपेंडीचर पर आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में भारत की सरकारी एकाउंट व्यवस्था में सुधार के बारे में टिप्पणी के दौरान महर्षि ने यह कहा। उन्होंने कहा, ‘मैंने पाया कि धन की पार्किंग से बचने की एक कमजोर कोशिश की जा रही है। मुझे खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि सिंगल नोडल अकाउंट ऐसी व्यवस्था है, जिसके बारे में मेरी राय यह है कि इसे असफल ही होना है।’ महर्षि ने कहा कि मैं आपको अपने अनुभव से बता सकता हूं कि यह सिंगल नोडल अकाउंट सफल नहीं होगा। महर्षि गृह सचिव भी रह चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि व्यक्तिगत जमा या राज्य व केंद्र सरकारों के सार्वजनिक लेजर खाते धन जमा रखने के क्लासिक तरीके हैं। महर्षि का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब मौजूदा वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि केंद्र सरकार ने नई एकाउंटिंग व्यवस्था से वित्त वर्ष 22 में 10,000 करोड़ रुपये ब्याज लागत बचाने में सफलता पाई है। सोमनाथन ने इस सप्ताह एक कार्यक्रम में अलग से बात करते हुए कहा कि इन नई एकाउंटिंग व्यवस्था की वजह से 31 मार्च, 2022 तक केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) से राज्य एजेंसियों के पास 1.2 लाख करोड़ रुपये व्यय न किए जाने के कारण शेष बचा था।

First Published - June 11, 2022 | 12:55 AM IST

संबंधित पोस्ट