बुधवार को औपचारिक तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के बाद अपने पहले भाषण में मल्लिकार्जुन खरगे ने स्वीकार किया कि पार्टी मुश्किल समय का सामना कर रही है और लोग पार्टी से मुंह मोड़ चुके हैं। लेकिन उन्होंने ‘विभाजनकारी ताकतों’ पर सीधा हमला बोला और कहा, ‘कांग्रेस झूठ और नफरत के चक्र को तोड़ देगी जिसका फिलहाल प्रसार हुआ है। मेरी अपील उन लोगों से हाथ मिलाने की है जो पार्टी के साथ नहीं जुड़े हुए हैं लेकिन जो लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं।’
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को मजबूत बनाने का संकल्प लिया। हालांकि संप्रग जैसे गठबंधन को झटके लग रहे हैं क्योंकि राज्यों में कांग्रेस इकाइयों को आम आदमी पार्टी (आप) और तृणमूल कांग्रेस जैसे प्रतिस्पर्द्धी दलों से डर है। कांग्रेस अध्यक्ष के पद ग्रहण समारोह में सभी राज्य और जिला कांग्रेस इकाइयों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था। इस समारोह में आमंत्रित एक प्रतिनिधि ने कहा कि समारोह काफी ‘अच्छा’ था और पार्टी में एक नई एकता की भावना दिखी।
खरगे ने भाषण में अपने जीवन की सामान्य शुरुआत और जीवन के संघर्षों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए भावुक क्षण है। मैं एक पार्टी कार्यकर्ता के बेटे, एक साधारण कार्यकर्ता को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस के लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। कांग्रेस की विरासत को आगे बढ़ाना गर्व की बात है।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने 1969 में ब्लॉक कमेटी के प्रमुख के रूप में यह यात्रा शुरू की थी। आज आप उसे इतनी ऊंचाइयों पर ले गए हैं। कांग्रेस की विरासत को आगे बढ़ाना मेरा सौभाग्य और गर्व की बात है। इस बड़े राजनीतिक दल का नेतृत्व महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, मौलाना आजाद, बाबू जगजीवन राम, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी ने किया था। यह जिम्मेदारी निभाना मेरे लिए सौभाग्य और गर्व की बात है।’
उन्होंने भारत को एक साथ लाने में बाबासाहेब आंबेडकर के योगदान का बार-बार जिक्र किया। उन्होंने नए भारत की स्थापना के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके गठबंधन सहयोगियों की कोशिशों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, ‘नए भारत में भूख, प्रदूषण बढ़ रहा है लेकिन रुपया गिर रहा है।
सरकार सो रही है लेकिन केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग 24 घंटे काम कर रहे हैं। नए भारत में गोडसे को देशभक्त और महात्मा गांधी को देशद्रोही कहा जाता है। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का संविधान लाना चाहते हैं।’ खरगे ने सीधे तौर पर अल्पसंख्यक समुदायों की पीड़ा का जिक्र नहीं किया।
खरगे पार्टी को चलाने में सोनिया गांधी और भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने के लिए राहुल गांधी के योगदान की प्रशंसा करने से नहीं चूके और कहा कि उनकी यात्रा देश को नई ऊर्जा से भर रही है। उन्होंने कांग्रेस के उदयपुर सम्मेलन के संकल्प पर भी काम करने का वादा किया जिसके मुताबिक पार्टी के सभी पदों में से 50 प्रतिशत पद 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों द्वारा भरे जाने हैं।
वहीं निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक संक्षिप्त भाषण में कहा कि यह अत्यंत संतोष की बात है कि नए कांग्रेस अध्यक्ष ‘बहुत अनुभवी हैं और अपनी कड़ी मेहनत से एक साधारण कार्यकर्ता बनकर अपने सफर की शुरुआत कर इतनी ऊंचाइयों पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि कांग्रेस उनके नेतृत्व में और मजबूत होगी और प्रेरित भी होगी।
उन्होंने कहा, ‘मैंने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपनी क्षमता के अनुसार अपना कर्तव्य निभाया और राहत महसूस कर रही हूं क्योंकि मैं अब इस जिम्मेदारी से मुक्त हो जाऊंगी।’ मंच पर मौजूद एक अन्य पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाषण नहीं दिया। लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जब राहुल गांधी को समझाने की कोशिश विफल हो गई कि उन्हें अध्यक्ष बनना चाहिए, तब खरगे अध्यक्ष बन गए। लेकिन उन्होंने नए अध्यक्ष के साथ काम करने का संकल्प लिया।
खरगे के कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, कार्यसमिति के सभी सदस्यों, महासचिवों और प्रभारियों ने अपने इस्तीफे दे दिए ताकि नए पार्टी अध्यक्ष अपनी टीम स्थापित कर सकें। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ”सीडब्ल्यूसी के सभी सदस्यों, एआईसीसी महासचिवों और प्रभारियों ने कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।’
कांग्रेस के संविधान के अनुसार, खरगे के चुनाव को पार्टी के पूर्ण अधिवेशन में अनुमोदित किया जाएगा जिसके अगले साल मार्च-अप्रैल में होने की संभावना है। पूर्ण अधिवेशन के तुरंत बाद खरगे कांग्रेस की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई नई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का पुनर्गठन करेंगे। पार्टी संविधान के अनुसार सीडब्ल्यूसी के 11 सदस्य मनोनीत किए जाएंगे और 12 निर्वाचित होंगे। संसद में पार्टी के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष होने के अलावा वह कार्यसमिति के सदस्य भी होंगे। खरगे के चुनाव की पुष्टि होने तक नए पार्टी प्रमुख एक नई संचालन समिति का गठन करेंगे जो पूर्ण सत्र तक सीडब्ल्यूसी के रूप में काम करेगी।