एंबेसी ऑफिस पाक्र्स आरईआईटी को उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष के आरंभ में कार्यालय संपत्तियों की मांग दोबारा से जोर पकड़ सकती है। यह जानकारी कंपनी के एक वरिष्ठ कार्यकारी ने दी है।
आरईआईटी के उप मुख्य कार्याधिकारी विकास खडलोया ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि 90 लाख वर्गफुट कार्यालय स्थल के लिए अनुरोध बाजार में सक्रिय है।
उन्होंने कहा, ‘अनुरोध का 90 फीसदी से अधिक वैश्विक कैप्टिव सेंटरों और तकनीकी कंपनियों से है। यह दो से तीन तिमाहियों में साकार होगा। हम उम्मीद करते हैं कि मांग वित्त वर्ष 2022 के आरंभ में दोबारा से जोर पकड़ लेगी।’
खडलोया ने कहा कि आरईआईटी को अगले दो से तीन तिमाहियों तक हरेक में करीब 5,00,000 वर्गफुट जमीन कार्यालय के लिए पट्टे पर दिए जाने की उम्मीद है।
आरईआईटी ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5,45,000 वर्गफुट जमीन पट्टे पर दी थी।
खडलोया ने कहा, ‘हमें अगली दो से तीन तिमाहियों में इसी प्रकार के मांग की उम्मीद है। हमने पिछले वर्ष करीब 12 लाख लाख वर्गफुट जमीन पट्टे पर दी थी। इस प्रकार पहली तिमाही का आंकड़ा वाकई में अच्छा है।’
उन्होंने कहा कि महामारी से पूर्व आरईआईटी प्रत्येक तिमाही में करीब 8,00,000 वर्गफुट या पूरे साल में करीब 30 लाख वर्गफुट जमीन पट्टे पर दिया करती थी।
उन्होंने कहा, ‘हमें जनवरी और फरवरी में किरायेदारों से अच्छी मांग नजर आ रही थी लेकिन दूसरी लहर ने सब कुछ दो तिमाही आगे ढकेल दिया।’
खाली जगह में होगा इजाफा
उन्होंने कहा, ‘आगामी तिमाहियों में कब्जों की संख्या में 100 से 200 आधार अंकों की गिरावट आ सकती है लेकिन उसके बाद से कोई बड़ी गिरावट नहीं होगी।’
विश्लेषकों ने कहा है कि तीन सूचीबद्घ आरईआईटी की संपत्तियों में खाली स्थान में चार से छह फीसदी की गिरावट आई है और इसमें आगे 200 से 300 आधार अंकों की वृद्घि हो सकती है जिससे आमदनी के वितरण पर असर पड़ेगा।
खडलोया ने स्पष्ट किया कि आमदनी के वितरण में गिरावट आने पर कंपनी ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 21.50 रुपये प्रति यूनिट वितरण पर दिशानिर्देश दिया है जबकि पिछले वर्ष 21.48 रुपये प्रति यूनिट वितरण था।
खडलोया ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 89 फीसदी का कब्जे का स्तर वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के समान था। वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में कब्जे का स्तर 92 फीसदी पर था।
उन्होंने कहा कि हालांकि, महामारी वर्ष को देखते हुए आरईआईटी ने लचीला प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा, ‘पिछले वर्ष हमने 88 लाख वर्गफुट की संपत्तियों पर 100 फीसदी किराये में वृद्घि का संग्रह किया था। इस साल हम 77 लाख वर्गफुट की संपत्तियों पर किराये में वृद्घि का संग्रह करेंगे।’
उन्होंने कहा कि आरईआईटी ने वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 2,00,000 वर्गफुट जमीन करार से बाहर निकलते देखा है।
उन्होंने कहा, ‘इस साल हमने 19 लाख वर्गफुट जमीन की करार अवधि समाप्त होने का दिशानिर्देश दिया है जिसमें से 5,00,000 वर्गफुट का नवीनीकरण होना है और 14,00,000 वर्गफुट जमीन करार से बाहर हो जाएगी। इसलिए करार से बाहर निकलने वाली जमीन हमारे दिशानिर्देश के अनुरूप है।’