निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को घोषणा की कि अगला राष्ट्रपति निर्वाचित करने के लिए चुनाव 18 जुलाई को होगा तथा मतगणना 21 जुलाई को होगी। इस चुनाव में सांसदों और विधायकों वाले निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे। लोकसभा और राज्यसभा के साथ-साथ कई राज्य विधानसभाओं में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संख्या बल के मद्देनजर पार्टी आगामी चुनाव में अपने उम्मीदवार की जीत आसानी से सुनिश्चित करने की स्थिति में है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि 15 जून को अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन पत्र दाखिल किया जा सकता है और 29 जून इसके लिए आखिरी तारीख होगी। राष्ट्रपति कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और उनके उत्तराधिकारी को इससे पहले नियुक्त किया जाना चाहिए। कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है, वहीं मतदान और मतगणना के दौरान कोविड से संबंधित सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को किसी भी तरह का व्हिप जारी करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नामांकन पत्रों की जांच 30 जून को होगी और नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि दो जुलाई होगी। यदि आवश्यक हुआ तो मतदान 18 जुलाई को और मतगणना 21 जुलाई को होगी।
कुमार ने कहा कि चुनाव के लिए मतदाताओं की कुल संख्या 4,809 है, जिसमें 776 सांसद और 4,033 विधायक होंगे। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान संसद और राज्य विधानसभाओं के परिसर में होगा, जबकि राज्यसभा के महासचिव रिटर्निंग ऑफिसर होंगे। आम तौर पर, सांसद संसद में और विधायक अपने-अपने राज्य की विधानसभा में मतदान करते हैं। कुमार ने कहा कि अगर कोई आपात स्थिति होती है, तो सांसदों को राज्य विधानसभा में वोट देने के लिए या विधायकों को संसद परिसर में वोट देने के लिए 10 दिन पहले निर्वाचन आयोग को सूचित करना होगा। राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और दिल्ली तथा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं। राज्यसभा और लोकसभा या राज्यों की विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल में शामिल होने के पात्र नहीं हैं, इसलिए, वे चुनाव में भाग लेने के हकदार नहीं होते। इसी तरह, विधान परिषदों के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाता नहीं होते हैं। पिछला राष्ट्रपति चुनाव 2017 में 17 जुलाई को हुआ था और मतगणना 20 जुलाई को हुई थी। कोविंद ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और विपक्षी दलों की उम्मीदवार मीरा कुमार को लगभग 3,34,730 मूल्य के मतों से हराया था।
रास चुनाव: मतदान की वीडियोग्राफी
राज्यसभा चुनाव में चार राज्यों में खरीद-फरोख्त की कोशिशों के आरोपों के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया की निगरानी के लिए विशेष पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है तथा उसकी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। हाल ही में 57 राज्यसभा सीट के लिए द्विवार्षिक चुनावों की घोषणा की गई थी और उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना, झारखंड तथा उत्तराखंड में सभी 41 उम्मीदवारों को पिछले शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। हालांकि, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक की 16 सीट के लिए शुक्रवार को मतदान होगा।