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प्रॉपर्टी: मार्जिन घटाकर बिक्री को दम

Last Updated- December 14, 2022 | 10:37 PM IST

रिहायशी मकानों की बिक्री में जुलाई से सितंबर तिमाही के दौरान इस कैलेंडर वर्ष की पिछली तिमाही के मुकाबले भले ही वृद्धि दिख रही हो लेकिन प्रॉपर्टी डेवलपर अपने मुनाफा मार्जिन की कीमत पर बिक्री को रफ्तार दे रहे हैं।

कैलेंडर वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही के दौरान मकानों की बिक्री का मूल्य इससे पिछली तिमाही के मुकाबले दोगुना से अधिक वृद्धि के साथ लगभग 29,731 करोड़ रुपये हो गया। इससे पहले की तिमाही में यह आंकड़ा 12,694 करोड़ रुपये रहा था।

एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स ने कहा कि 2020 की पहली तिमाही में मकानों की बिक्री लगभग 46,306 करोड़ रुपये की रही थी।

एलऐंडटी रियल्टी के मुख्य कार्याधिकारी श्रीकांत जोशी ने कहा, ‘डेवलपरों के मार्जिन में एक बड़ी गिरावट आई है और वह अब तक के निचले स्तर पर है। ग्राहकों के लिए खरीदारी करने का सबसे अच्छा समय है क्योंकि कीमत काफी नीचे लुढ़क गई है और आगे उसमें केवल तेजी दिखेगी।’

रिहायशी परियोजनाओं में मार्जिन पिछले साल 20 से 30 के दायरे में था जो घटकर आज के बाजार में 8 से 10 फीसदी रह गया है। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘डेवलपर के नजरिये से देखा जाए तो उनमें से कई 8 से 10 फीसदी के मुनाफा मार्जिन से संतुष्ट हैं। इससे पहले वे 30 फीसदी से अधिक के मुनाफा मार्जिन की उम्मीद कर सकते थे।’

पुरी ने कहा कि मौजूदा बिक्री प्रमुख रूप से सस्ती और मध्यम श्रेणी के मकानों से संचालित हो रही है जहां मकानों की कीमत 80 लाख रुपये के दायरे में होती है। उन्होंने कहा कि इस श्रेणी में मुनाफा मार्जिन लक्जरी लक्जरी श्रेणी के मुकाबले काफी कम होता है।

बेंगलूरु की कंपनी पूर्वांकरा के प्रबंध निदेशक आशिष आर पूर्वांकरा ने कहा कि परियोजनाओं के मूल्य निर्धारित करते समय कंपनी काफी विवेकपूर्ण रवैया अपनाती है ताकि मार्जिन को बनाए रखते हुए बिक्री को रफ्तार दी जा सके।

हालांकि, ओबेरॉय रियल्टी के चेयरमैन विकास ओबेरॉय जैसे बड़े डेवलपरों ने कहा कि कंपनी कीमतों में कटौती किए बिना बिक्री बढ़ाने में सफल रही है। उन्होंने कहा, ‘अटकी हुई मांग काफी अधिक है और यही कारण है कि मांग में तेजी आई है। इसके अलावा लोगों महसूस हो रहा है कि कोविड के कारण नई परियोजनाओं में काफी समय लगेगा। इसलिए तैयार अपार्टमेंटों की तेजी से बिक्री हो रही है।’

हीरानंदानी कम्युनिटीज के प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि अत्यधिक ऋण बोझ तले दबी कंपनियों को छोड़कर किसी को भी मार्जिन का नुकसान नहीं हुआ है।

ओबेरॉय ने कहा, ‘बड़ी कंपनियों अथवा छोटी कंपनियों का कोई मामला नहीं है। जिसने भी अतीत में अच्छा प्रदर्शन किया है, वह बहीखाते के आकार के बावजूद अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखेगा। भले ही बड़ी कंपनियों को थोड़ी बढ़त मिलेगी।’

सनटेक रियल्टी के चेयरमैन कमल खेतान ने कहा कि खरीद या अधिग्रहण के हरेक प्रस्ताव को बड़े डेवलपरों द्वारा व्यवहार्यता के नजरिये से देखा जा रहा है।

First Published - October 16, 2020 | 12:59 PM IST

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