भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के 3.38 लाख करोड़ रुपये के बड़े ऋण बोझ को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2023 के बजट में उसे और अधिक कर्ज लेने की कोई गुंजाइश नहीं दी है। सड़क मार्गों के विस्तार की विशालकाय योजना के लिए धन देने की बजाय सरकार ने यह जिम्मेदारी अपने ऊपर उठाने का निर्णय किया है। बॉन्ड बाजार के लिए भी यह महत्त्वपूर्ण निर्णय है। अगले वित्त वर्ष में बॉन्ड बाजार को एनएचएआई के बिना ही आगे बढऩा होगा। इससे केंद्र को अपनी उधारी के लिए धन देने के लिए समान गुंजाइश मुहैया होगी।
सरकार वित्त वर्ष 2023 में 25,000 किलोमीटर और राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करने के साथ साथ देश में अटकी सड़क परियोजनाओं को भी पूरा करेगी। सरकार के लिए सड़कों का निर्माण देश में निवेशों को आकर्षित करने के लिए सबसे बड़े भौतिक बुनियादी ढांचे के हिस्से के तौर पर उभरा है। इसलिए, एक ओर जहां एनएचएआई वित्त वर्ष 2023 में जहां एक रुपये की उधारी नहीं लेगा वहीं उसे वित्त मंत्रालय से 68,955 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त होगी। यह तरीका बहुत हद तक वित्त मंत्रालय द्वारा हर वर्ष रेलवे को दिया जाने वाला सकल बजटीय समर्थन जैसा है।
व्यय बजट पर नजर डालने पर पता चलता है कि इसे किस प्रकार से मूर्त रूप दिया जाएगा। एनएचएआई ने वित्त वर्ष 2022 में बाजार से बॉन्डों की विभिन्न परिपक्वता से 65,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। सड़क निर्माण संगठन ने वित्त वर्ष 2021 में भी 65,000 करोड़ रुपये ही जुटाए थे। लेकिन इस बार के बजट पर नजर डालने पर पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023 में उसे उधार लेने के लिए कोई गुंजाइश नहीं दी गई है। वित्तीय इंजीनियरिंग के इस प्रयास के कारण ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के बजटीय आवंटन में इजाफा हुआ है जबकि अन्य मंत्रालयों के लिए आवंटन सपाट रहा। सेंट्रल रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड, परमानेंट ब्रिजेज फी फंड और मोनेटाइजेशन ऑफ नैशनल हाइवेज फंड जैसे समर्पित फंडों से धन का आगम पिछले वर्ष की समान रफ्तार से बिना किसी बदलाव के जारी रहेगा। सभी सरकारी स्वामित्व वाले या पैरास्टेटल निकायों में एनएचएआई के पास सबसे बड़ा ऋण बकाया है। एनएचएआई की सफलता वित्त वर्ष 2025 तक नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत देश में 111 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा संपत्ति के निर्माण के लिए महत्त्वपूर्ण है। एनएचएआई ने अक्सर अपनी परियोजनाओं की बोली हाइब्रिड एन्यूटि मॉडल के तहत लगवाई है जिसके तहत उनसे बैंकों को सुरक्षित नकद प्रवाह की पेशकश की जाती है। इससे उनमें एनएचएआई बॉन्डों के लिए रुचि बढ़ती है। एनएचएआई बॉन्ड क्यों जुटाता है? संगठन इन पैसों की मदद से सड़कों का निर्माण करता है और उसके बाद इनका मुद्रीकरण किया जाता है। इसके तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) या टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) जैसे विभिन्न मॉडलों के तहत निवेशकों द्वारा टोल संग्रह के लिए सड़कों की बोली लगाई जाती है। केंद्र को उम्मीद है कि वह वित्त वर्ष 2025 तक चार लेन और उससे अधिक लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्गों के 26,700 किलोमीटर का मुद्रीकरण कर 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटा लेगा।
