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व्हिसलब्लोअर की शिकायत की बाहरी जांच पर मूर्ति का जोर

Last Updated- December 15, 2022 | 1:33 AM IST

इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन एनआर नारायणमूर्ति ने कहा है कि कंपनियों में व्हिसलब्लोअर की शिकायतों की जांच आंतरिक तौर पर किए जाने के बजाय किसी बाहरी समिति अथवा बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकतर मामलों में कंपनियां व्हिसलब्लोअर की शिकायतों की किसी बाहरी लॉ फर्म के जरिये आंतरिक तौर पर जांच करती हैं जिसे उन्होंने ‘आरोपी द्वारा खुद मामले की जांच करना और फैसला देना’ करार दिया।
ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में मूर्ति ने कहा कि वह व्हिसलब्लोअर के आरोपों की किसी बाहरी लॉ फर्म के जरिये आंतरिक जांच कराने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘यह उसी तरह की स्थिति है जहां आरोपी खुद मामले की जांच करता है और फैसले भी खुद सुनाता है।’ मूर्ति ने यह भी कहा कि व्हिसलब्लोअर की शिकायतों को निपटाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि शीर्ष शेयरधारकों द्वारा नियुक्त एक बाहरी समिति अथवा सेबी उसकी व्यापक तहकीकात करे और पूरा विवरण कंपनी की वेबसाइट पर प्रकाशित करे।
मूर्ति ने कहा, ‘यदि कंपनी दोषी पाई जाती है तो सेबी को उसके बोर्ड सदस्यों और अधिकारियों को अवश्य ब्लैकलिस्ट करना चाहिए और शेयरधारकों को उन्हें बाहर निकालने के लिए अवश्य मतदान करना चाहिए।’
दिलचस्प है कि मूर्ति द्वारा 1981 में छह अन्य लोगों के साथ स्थापित कंपनी इन्फोसिस में पिछले कुछ वर्षों के दौरान कई गुमनाम व्हिसलब्लोअर ने शिकायत की है। इसमें तत्कालीन सीईओ और प्रबंधन द्वारा गलत तरीके से अधिग्रहण करने, अधिग्रहीत कंपनियों को बेचने का निर्णय लेने और यहां तक कि सीईओ सलिल पारेख के नेतृत्व में मौजूदा प्रबंधन के खिलाफ कंपनी प्रशासन संबंधी मानकों एवं नैतिकता संबंधी मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। मूर्ति ने खुद बेंगलूरु की इस कंपनी द्वारा ऐसे मामलों को निपटाने के तरीके के बारे में काफी आलोचना की है। साथ ही वह एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने तत्कालीन सीईओ द्वारा कंपनी प्रशासन मानकों के कथित उल्लंघन मामले की जांच किसी बाहरी लॉ फर्म से कराने की मांग की थी।
इन्फोसिस के सह-संस्थापक ने व्हिसलब्लोअर को कानूनी सुरक्षा दिए जाने पर भी जोर दिया क्योंकि उन्हेंलगातार ‘उत्पीडऩ एवं सामाजिक कलंक’ का सामना करना पड़ता है। हालांकि उन्होंने कहा कि व्हिसलब्लोइंग असंतुष्ट कर्मचारियों द्वारा बदले की कार्रवाई से प्रेरित नहीं होती चाहिए और व्हिसलब्लोअर को आंकड़ों एवं तथ्यों के साथ अपनी शिकायत की पुष्टि करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘किसी भी व्हिसलब्लोअर को ऐसे संगठन को नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं है जिस पर बड़ी तादाद में परिवार आजीविका के लिए निर्भर हैं।’

First Published - September 22, 2020 | 12:44 AM IST

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