भारतीय मौसम विभाग ने आज कहा कि इस साल देश में विस्तारित मॉनसून रह सकता है, क्योंकि सितंबर के अंत तक उत्तर भारत में बारिश में कमी आने के संकेत नहीं दिख रहे हैं। विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम मॉनसून उत्तर पश्चिम भारत से तभी वापस होता है जब लगातार पांच दिनों तक इलाके में बारिश नहीं होती है। निचले क्षोभ मंडल में चक्रवात रोधी वायु का निर्माण होता है और आर्द्रता में भी काफी कमी होना आवश्यक है।
बहरहाल गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में मॉनसूनी बारिश जारी रही। आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि आज दोपहर तक राजधानी में 1159.4 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो 1964 के बाद सर्वाधिक और आईएमडी के मौजूद आंकड़ों में तीसरी सर्वाधिक बारिश है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, अगले 10 दिनों तक उत्तर भारत से मॉनसून की वापसी के संकेत नहीं दिख रहे हैं। आईएमडी ने पिछले वर्ष भी उत्तर पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी की तारीख संशोधित की थी। पिछले कुछ वर्षों से मॉनसून की वापसी में विलंब होने के रूख को देखते हुए यह किया गया था।
दक्षिण पश्चिम मॉनसून पहले राजस्थान से वापस होना शुरू होता है। संशोधित तिथि के अनुसार, यह 17 सितंबर से जैसलमेर से वापस होना शुरू होता है।