दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने सोमवार को ठीक समय पर केरल में दस्तक दे दी। इसके साथ ही भारतीय मौसम विभाग ने इस साल बारिश का अनुमान बढ़ाकर लंबी अवधि के औसत (एलपीए) का 102 फीसदी कर दिया है। विभाग ने अप्रैल में एलपीए की 100 फीसदी बारिश होने का अनुमान जताया था। यह अनुमान चार फीसदी की घटत-बढ़त के मॉडल पर आधारित है।
क्षेत्रों के हिसाब से पूर्वानुमान में कहा गया है कि उत्तर-पूर्वी और पूर्वी भारत को छोड़कर देश के सभी हिस्सों में बारिश सामान्य से अधिक रहेगी। उत्तर-पश्चिमी भारत में इस साल एलपीए की 107 फीसदी बारिश होने का अनुमान है, जो सामान्य से अधिक है। इस क्षेत्र में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्य आते हैं।
मौसम विभाग ने कहा कि मध्य भारत में बारिश एलपीए की 103 फीसदी और दक्षिण भारत में 102 फीसदी रहने का अनुमान है। पूर्व एवं उत्तर-पूर्व भारत में एलपीए की 97 फीसदी बारिश का अनुमान है। हालांकि इससे बड़ी समस्या नहीं होगी क्योंकि देश के पूर्वी हिस्से में बारिश की कुल मात्रा अन्य क्षेत्रों से अधिक होती है। यह अनुमान 8 फीसदी घटत-बढ़त के मॉडल पर आधारित है।
मौसम विभाग पूरे देश में एलपीए की 96 से 104 फीसदी बारिश को सामान्य मानता है, जबकि 104 से 110 फीसदी बारिश को सामान्य से अधिक माना जाता है। 90 से 95 फीसदी बारिश को ‘सामान्य से कम’ के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। मौसम विभाग ने कहा कि जुलाई में बारिश एलपीए की 103 फीसदी रहेगी, जबकि अगस्त में यह एलपीए की 97 फीसदी रहेगी। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के लिए जुलाई और अगस्त दो सबसे महत्त्वपूर्ण महीने हैं क्योंकि इनमें चार महीनों के सीजन की सबसे अधिक बारिश होती है। मौसम विभाग ने कहा कि इस साल बारिश सामान्य से कम रहने के 15 फीसदी और कमजोर रहने के 5 फीसदी आसार हैं।
बारिश के ठीक समय पर शुरू होने और पूर्वानुमान में बढ़ोतरी से उम्मीद जगी है कि देश में जून से सितंबर के दौरान अच्छी बारिश होगी, जिसका कृषि उत्पादन और पूरे आर्थिक मौहाल पर सकारात्मक असर पड़ेगा। मौसम विभाग ने आज कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून केरल में पहुंच गया है। निजी एजेंसी स्काईमेट ने 30 मई को ही मॉनसून के आने की घोषणा कर दी थी। मगर मौसम विभाग ने इससे अलग राय जताते हुए कहा था कि अभी स्थितियां ऐसी घोषणा के अनुकूल नहीं हैं।
अरब सागर में चक्रवाती तूफान की आशंका
अरब सागर में बने दबाव के एक विकराल चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है, जो 3 जून को उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों से होकर गुजरेगा। इससे मुंबई के अत्याधिक प्रभावित होने की आशंका है। मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को कहा कि दबाव बढ़कर गहरे दबाव क्षेत्र में बदलेगा और सोमवार देर शाम तक वहचक्रवात के तीसरे या चौथे चरण में पहुंच जाएगा। आईएमडी के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा कि 2 जून तक यह एक चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा। विभाग ने कहा कि 3 जून शाम को यह तट पार करेगा तो इसकी गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।