प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘डिजिटल भारत’ अभियान को आत्मनिर्भर भारत की साधना करार देते हुए गुरुवार को कहा कि यह दशक वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में देश की हिस्सेदारी को बहुत ज्यादा बढ़ाने वाला है। ‘डिजिटल भारत’ अभियान के छह वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि डिजिटल रूप से सशक्त युवा इस दशक को भारत का ‘टेकेड’ बनाएंगे। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ‘डिजिटल भारत’ कार्यक्रम के कई लाभार्थियों के साथ संवाद भी किया और उनके अनुभव सुने। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद भी इस अवसर पर मौजूद थे।
मोदी ने कहा, ‘आज का दिन भारत के सामथ्र्य, भारत के संकल्प और भविष्य की असीम संभावनाओं को समर्पित है। यह दशक डिजिटल प्रौद्योगिकी में भारत की क्षमताओं को, ग्लोबल डिजिटल इकॉनमी में भारत की हिस्सेदारी को, बहुत ज्यादा बढ़ाने वाला है। इसलिए बड़े-बड़े विशेषज्ञ इस दशक को ‘इंडियाज टेकेड’ के रूप में देख रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि देश में आज एक तरफ नवाचार का जुनून है तो दूसरी तरफ उन नवाचारों को तेजी से अपनाने का जज्बा भी है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए, डिजिटल इंडिया, भारत का संकल्प है। डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत की साधना है, डिजिटल इंडिया, 21वीं सदी में सशक्त होते भारत का जयघोष है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह दशक डिजिटल प्रौद्योगिकी, वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी में भारत की क्षमताओं को काफी बढ़ाने जा रहा है। 5जी तकनीक विश्व में महत्त्वपूर्ण बदलाव लाएगी और भारत उसके लिए तैयारी कर रहा है।’ उन्होंने विश्वास जताया कि डिजिटल सशक्तीकरण के कारण युवा आपको नई ऊंचाइयों पर ले जाते रहेंगे। और इस दशक को ‘भारत के टेकेड’ के रूप में बनाने में मदद करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के सिद्धातों पर चलते हुए सरकार और जनता के बीच, शासन तंत्र और सुविधाओं के बीच और समस्याओं व सेवा के बीच की खाई को कम करना, मुश्किलें कम करना और जन सामान्य की सुविधाओं में वृद्धि करना ही समय की मांग रही है।
उन्होंने कहा, ‘ड्राइविंग लाइसेंस हो या जन्म प्रमाण पत्र, बिजली का बिल भरना हो या पानी का बिल भरना हो, आयकर रिटर्न भरना हो या इस तरह के अन्य काम, अब प्रक्रियाएं डिजिटल इंडिया की मदद से बहुत आसान, बहुत तेज हुई हैं। गांवों में तो यह सब, अब अपने घर के पास जन सेवा केंद्रों पर हो रहे हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोरोना काल में भारत ने जो डिजिटल समाधान तैयार किए हैं, वह आज पूरी दुनिया में चर्चा और आकर्षण का विषय हैं। उन्होंने कहा, ‘आरोग्य सेतु ऐप से कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में बहुत मदद मिली वहीं टीकाकरण अभियान में कोविन ऐप बहुत मददगार साबित हो रहा है। टीकाकरण के लिए भारत के कोविन ऐप में तो अनेकों देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। टीकाकरण की प्रक्रिया के लिए ऐसा निगरानी तंत्र होना हमारी तकनीकी कुशलता का प्रमाण है।’
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ‘डिजिटल भारत’ अभियान देश के कितना काम आया है, यह सभी ने देखा है। उन्होंने कहा, ‘जिस समय बड़े-बड़े समृद्ध देश, लॉकडाउन के कारण अपने नागरिकों को सहायता राशि नहीं भेज पा रहे थे, भारत हजारों करोड़ रुपये, सीधे लोगों के बैंक खातों में भेज रहा था। किसानों के जीवन में भी डिजिटल लेनदेन से अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 10 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों को 1.35 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में जमा किए गए हैं। डिजिटल इंडिया ने वन नेशन, वन एमएसपी की भावना को भी साकार किया है।’ उन्होंने कहा कि बुधवार को ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के चार वर्ष पूरे हुए हैं और कोरोना काल के बावजूद पिछले आठ महीने से लगातार जीएसटी राजस्व एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर रहा है जबकि आज एक करोड़ 28 लाख पंजीकृत उद्यमी इसका लाभ ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजी लॉकर इस बात का अच्छा उदाहरण साबित हुआ है कि डिजिटल इंडिया कितना प्रभावी रहा। उन्होंने कहा, ‘अब डिजिलॉकर में स्कूल और कॉलेज के दस्तावेज, आधार, पैन और वोटर आईडी कार्ड समेत सभी जरूरी दस्तावेज आसानी से और सुरक्षित तरीके से रखे जा सकेंगे।’
