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जून में मनरेगा की मांग बढ़ी

Last Updated- December 15, 2022 | 5:31 AM IST

कोविड-19 संकट के कारण तंगी के हालात में घिरे ग्रामीण श्रमिकों को मनरेगा का काम लगातार लुभा रहा है। इसके तहत अब अनिवार्य कार्य दिवसों की संख्या को बढ़ाकर 200 दिन करने और न्यूनतम मजदूरी को 600 रुपये प्रति दिन करने की मांग उठ रही है।  फिलहाल, मनरेगा के तहत कानूनी रूप से 100 दिनों का काम देने की गारंटी है, बहरहाल उपलब्ध कराये जाने वाले कार्य दिवसों की संख्या इससे बहुत कम है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए न्यूनतम मजदूरी 200 रुपये प्रदि दिन के आसपास है।मनरेगा की वेबसाइट से 1 जुलाई तक के जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक जून में करीब 4.37 करोड़ परिवारों ने योजना के तहत काम की मांग की। यह संख्या सात वर्षों में सर्वाधिक है। यह संख्या मई में काम की मांग करने वाले परिवारों के मुकाबले 21 फीसदी अधिक है।  मई में 3.61 करोड़ परिवारों ने काम की मांग की थी जो कि विगत सात वर्ष में उस महीने के लिए सर्वाधिक है। काम की मांग में यह उछाल 2 करोड़ से अधिक प्रवासी श्रमिकों के शहरों से गांव में लौटने के बाद आई है।  

First Published - July 3, 2020 | 12:37 AM IST

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