प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सभी सरकारी मंत्रालयों को अपने काम में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि मोबाइल फोन की तरह ही ड्रोन भी हर जगह उपलब्ध हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने सभी मंत्रालयों से कहा है कि वे अपने अधिकारियों को देश के सबसे बड़े ड्रोन फेस्टिवल, भारत ड्रोन महोत्सव में भेजें ताकि उन्हें पता चल सके कि लोगों की बेहतर जिंदगी के लिए और सुगम कारोबार के लिए ड्रोन का कितना बेहतर इस्तेमाल हो सकता है। मोदी ने कहा, ‘ऐसे वक्त, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, मेरा सपना है कि भारत में प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में एक स्मार्ट फोन हो, हर खेत में एक ड्रोन हो और प्रत्येक घर में समृद्धि हो।’ साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में ड्रोन का केंद्र बनने की क्षमता है।
मोदी ने नई दिल्ली में भारत ड्रोन महोत्सव में हिस्सा लेते हुए किसान ड्रोन पायलटों के साथ बातचीत की और ओपन एयर ड्रोन का प्रदर्शन भी देखा। साथ ही उन्होंने ड्रोन प्रदर्शनी केंद्र में स्टार्टअप के साथ बातचीत की। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 2026 तक ड्रोन उद्योग का कारोबार अनुमानत:15,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा और देश में इस वक्त 270 ड्रोन स्टार्टअप हैं।
सरकार ने ड्रोन के संदर्भ में नियमों में कई बदलाव किए हैं ताकि ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सके और इससे मुख्यतौर पर चीन के बाजार से ड्रोन आयात को कम किया जा सके।
सितंबर में सरकार ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की पेशकश देश के ड्रोन निर्माताओं के लिए की थी। इस योजना में देश के ड्रोन निर्माण क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने की बात की गई है जहां पात्र कंपनियों को सरकार से प्रोत्साहन के तौर पर अपने मूल्य वर्धन का 20 प्रतिशत तक मिल सकता है। इससे पहले इसने ड्रोन के इस्तेमाल से जुडऩे नियमों में ढील दिए जाने के साथ ही इसका लाइसेंस पाना आसान कर दिया था। साथ ही भारी पेलोड की अनुमति भी दी गई थी ताकि उपकरण का इस्तेमाल मानवरहित टैक्सियों की तरह भी किया जा सके। भारत ड्रोन निर्माताओं को 1.2 अरब रुपये प्रोत्साहन की पेशकश करेगा। मिसाल के तौर पर ड्रोन परिचालकों को विभिन्न सरकारी एजेंसियों से 23 अनुमति लेनी पड़ती है और कुछ अन्य जरूरतों के लिए ड्रोन के संचालन के लिए 23 से भी अधिक अनुमति की जरूरत पड़ती है। ड्रोन निर्माता कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, ‘ड्रोन की जांच के लिए पुलिस और भारतीय वायु सेना से अनुमति लेने की जरूरत पड़ती है। इस तरह के प्रावधान से काफी प्रशासनिक बाधाओं वाली स्थिति बन जाती है और यह अनुमति हासिल करने वाली अनवरत प्रक्रिया में तब्दील हो जाती है।’
स्काई एयर मोबिलिटी के सीईओ अंकित कुमार ने कहा, ‘हमारा मानना है कि ड्रोन डिलिवरी से एक बड़ा बदलाव आ सकता है और इसमें उन क्षेत्रों तक पहुंचने की कोशिश और तेज डिलिवरी प्रक्रिया शामिल है जहां सड़क मार्ग या किसी अन्य मार्ग से पहुंचना काफी मुश्किल है। विभिन्न क्षेत्रों के कारोबार ने इसके सकारात्मक पहलू पर गौर करना शुररू कर दिया है जो लागत के लिहाज से बेहतर होने के साथ समय की बचत करते हैं और ड्रोन कारोबार में तकनीकी सक्षमता को बढ़ा सकता है।’
निवेशकों को ड्रोन प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और विश्व के लिए उन्नत ड्रोन प्रौद्योगिकी बनाने के लिए यह सही समय है। उन्होंने युवाओं से भी ड्रोन के क्षेत्र में और नई स्टार्टअप बनाने को कहा और उम्मीद जताई कि देश के पुलिस बल के लिए भी ड्रोन उपयोगी साबित होंगे। उन्होंने नई दिल्ली मेंं देश के सबसे बड़े ड्रोन महोत्सव के उद्घाटन के बाद कहा कि भारत में ड्रोन प्रौद्योगिकी को लेकर उत्साह देखा जा रहा है और इस उभरते क्षेत्र में रोजगार सृजन की संभावनाओं के संकेत मिल रहे हैं।
मोदी ने कहा कि कुछ महीने पहले तक ड्रोन प्रौद्योगिकी पर कई प्रतिबंध थे लेकिन केंद्र सरकार ने बहुत कम समय में ऐसे सभी प्रतिबंध समाप्त कर दिए हैं। वह पिछले वर्ष नागर विमानन मंत्रालय द्वारा सरल किए गए ड्रोन नियमों का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार देश भर में स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों के नेटवर्क को मजबूत बना रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों में दवाइयां और अन्य वस्तुएं पहुंचाना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है और ड्रोन के जरिये ऐसे कई सामान तेजी से पहुंचाए जा सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश इस बात का गवाह रहा है कि किस तरह से कोविड-19 टीकों की शीघ्र आपूर्ति ड्रोन के जरिये की गई। ड्रोन दूर-दराज के इलाकों में गुणवत्ता वाले मेडिकल उपकरण और सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद कर सकता है। लोग देखेंगे कि न सिर्फ शहरी इलाकों में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी ड्रोन उपयोगी साबित होंगे।’
