khadi Mahotsav 2023: हर साल की तरह इस साल भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती से देशभर में खादी महोत्सव की शुरुआत की गई। लेकिन इस बार खादी ग्रामो उद्योग आयोग अपने उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रचार प्रसार के निजी कंपनियों वाले हथकंडे अपना रही है।
खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन टैगलाइन को युवाओं के दिमाग में बैठाने के लिए खादी उत्पादों के बीच सेल्फी प्लाइंट जैसे तरीके अपनाएं गए हैं। दरअसल खादी आयोग युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने की नीति पर चल पड़ी है।
खादी फेस्ट के अंदर पहुंचते ही खादी उत्पादों के साथ तैयार की गई सेल्फी प्वाइंट बरबस युवाओं को अपनी ओर खींच लेती है तो दूसरी तरफ चरखे के साथ तस्वीर खींचने से कोई नहीं चूकता। मोटे अनाजों का शानदार प्रदर्शन प्रौढ़ एवं उम्रदराज लोगों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है।
खादी ग्रामोउद्योग के अधिकारियों की मानी जाए तो यह नया प्रयोग युवाओं के दिलो दिमाग में खादी को बैठने के लिए किया गया है, सबको पता है कि आजकल के युवाओं कहीं भी जाए वह तस्वीर निकालना नहीं भूलते हैं और पसंद आएगी तो वह उसे सोशल मीडिय में शेयर करते हैं। इसीलिए हर उम्र की पसंद का ध्यान रखकर सेल्फी प्वाइंट तैयार किये गए हैं।
केवीआईसी का उद्देश्य बड़े पैमाने पर जनता, युवाओं को संवेदनशील बनाना और हमारी अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और महिला सशक्तिकरण को मजबूत करना है। यह बड़े पैमाने पर जनता और विशेष रूप से युवाओं को खादी और स्थानीय उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित करेगा और उनमें स्थानीय उत्पादों के प्रति गौरव पैदा करेगा।
ऑनलाइन कारोबार की ताकत को समझते हुए केवीआईसी ने इस बार ई कॉमर्स पोर्टल का इस्तेमाल किया। MyGov.in डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निबंध लेखन प्रतियोगिता, ई-प्रतिज्ञा, नारा प्रतियोगिता, वीडियो गेम प्रतियोगिता, जिंगल प्रतियोगिता और क्रिएटिव फिल्म प्रतियोगिता (3 मिनट), मार्केटिंग और सेल्स रणनीति, नुक्कड़ नाटक/नाटक आदि। इन प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कार खादी इंडिया ई-कूपन के रुप में करेगी।
इस अभियान का उद्देश्य खादी और ग्रामोद्योग, हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों, ओडीओपी उत्पादों और स्थानीय स्तर पर निर्मित विभिन्न पारंपरिक और कुटीर उद्योगों के उत्पादों को बढ़ावा देना और वोकल फॉर लोकल अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान के विचार को आगे बढ़ाना है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) मिलकर खादी को निजी कंपनी के साथ प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में लगी है। आयोग के अधिकारियों की मानी जाए तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह से खादी हर मंच से प्रोत्साहित करते हैं उसकी का नजीता है कि खादी की बिक्री बढ़ी और मुनाफे की पटरी पर खादी दौड़ने लगी है।
केवीआईसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनीत के मुताबिक केवीआईसी का लाभ वर्ष 2014 के करीब 800 करोड़ रुपये से बढ़कर 34,000 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। खादी और ग्रामोद्योग का उत्पादन वित्त वर्ष 2014-15 में 27,569.37 करोड़ की तुलना मे वित्तीय वर्ष 2022 -23 में तीन गुना से अधिक बढ़कर 95,956.67 करोड़ रुपये (248.05 फीसदी ) हुआ है।
इसी तरह, खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री वित्त वर्ष 2022-23 में 1,34,629.91 करोड़ रही जो कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में 33,135.90 करोड़ रुपये चार गुना बढ़कर 306.2 फीसदी से अधिक हो गई है। 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक देशव्यापी खादी महोत्सव अभियान का उद्देश्य खादी और ग्रामोद्योग, हथकरघा, हस्तशिल्प, ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) उत्पादों और स्थानीय स्तर पर उत्पादित विभिन्न पारंपरिक और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना है। यह वोकल फॉर लोकल अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान के विचार को बढ़ावा देता है।