राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवाजाही 30-35 प्रतिशत बढ़ी है। अब यह तेजी से अप्रैल, 2021 के स्तर पर पहुंच रही है, जब कोविड-19 की दूसरी लहर नहीं आई थी।
क्रिसिल की हाल की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवाजाही पिछले महीने की तुलना में 30-35 प्रतिशत बढ़ी है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि दूसरी लहर की मार यातायात पर पड़ी, जो कोविड के पहले के स्तर पर पहुंचने की कवायद कर रहा था। वित्त वर्ष 21 की अंतिम तिमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज होने और फास्टैग लागू होने से इसे समर्थन मिला था।
अप्रैल-2021 से इसमें गिरावट शुरू हुई, जब कोविड-19 के बढ़ते मामलो से डर पैदा हुआ और महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और दिल्ली आदि राज्यों में राज्य स्तर पर लॉकडाउन लगाए गए। अप्रैल में राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात में 15 प्रतिशत की गिरावट आई, जब 16 करोड़ वाहनों ने टोल का भुगतान किया था, जबकि मार्च में 19 करोड़ वाहनों ने टोल का भुगतान किया था। मई के पहले महीने में कोविड-19 के मामले बढ़कर 4 लाख प्रतिदिन पर पहुंच गए और करीब सभी राज्यों ने प्रतिबंध बढ़ा दिए और ट्रैफिक मासिक आधार पर मई में 28 प्रतिशत कम हो गया और सिर्फ 12 करोड़ वाहनों ने टोल का भुगतान किया।
बहरहाल इस साल प्रतिबंध पिछले साल की तुला में कम सख्त रहे, जब देशबंदी कर दी गई थी और कुछ इलाकों में औद्योगिक गतिविधियों को अनुमति थी, लेकिन वायरस के प्रसार के साथ मांग घट गई। जून, 2021 में नए मामले घटकर 60,000 रह गए। उसके बाद कुछ राज्यों ने प्रतिबंधों में ढील दी, जबकि कुछ राज्यों में आंशिक ढील है। क्रिसिल रिसर्च का अनुमान है कि लोगों और सामानों की आवाजाही बढ़ रही है, ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात जून में 30-25 प्रतिशत बढ़ेगा और वाहनों की संख्या 15 से 16 करोड़ पहुंच जाएगी, जितनी अप्रैल में थी। दूसरी लहर के कारण मार्च में हुए 3,087 करोड़ रुपये टोल संग्रह की तुलना में अप्रैल में राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रह 10 प्रतिशत घटकर 2,777 करोड़ रुपये रह गया और मई में 23 प्रतिशत घटकर 2,125 करोड़ रुपये रह गया। अब संभावना यह है कि जून महीने में यह बढ़कर 2,400 से 2,600 करोड़ रुपये के बीच रह सकता है।
