उत्तर प्रदेश में पानी के लिए सबसे संकटग्रस्त इलाके बुंदेलखंड से हर घर नल से जल योजना की शुरुआत होगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुंदेलखंड, विंध्याचल और इंसेफ्लाइटिस प्रभावित क्षेत्रों तथा आर्सेनिक व फ्लोराइड प्रभावित इलाकों में हर घर तक नल से जल पहुंचाने की योजना शुरु करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर देश भर में हर गांव तक साफ पीने का पानी उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना के तहत उत्तर प्रदेश में चार चरणों में इस अभियान को चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत पहले उन क्षेत्रों को चुना गया है, जहां पीने के पानी का सबसे ज्यादा संकट है या जहां जलजनित बीमारियों का प्रकोप सबसे ज्यादा है। योजना के तहत सर्फेस वाटर और भूजल से पेयजल पहुंचाया जाएगा।
प्रदेश में हाल ही में गठित जलशक्ति विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस अभियान के चलते 15,000 करोड़ रुपये की लागत से पहले चरण में बुंदेलखंड और विंध्याचल में अगले दो साल के भीतर हर घर पीने का पानी पहुंचेगा। अभियान की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री योगी ने जल शक्ति मंत्रालय की महत्वपूर्ण बैठक कर योजना की रणनीति पर चर्चा की और निर्देश जारी किए। इस दौरान जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। बैठक में फैसला लिया गया कि हर घर तक नल से जल योजना में जो संस्था काम करेगी, अगले 10 सालों तक रखरखाव की जिम्मेदारी उसी की होगी। योजना के दूसरे चरण में विंध्याचल क्षेत्र के जिलों सोनभद्र और मिर्जापुर में हर घर तक पीने का पानी पहुंचाया जाएगा, जबकि तीसरे चरण में जापानी बुखार और इंसेफलाइटिस से प्रभावित क्षेत्रों गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, संतकबीरनगर, बस्ती व देवरिया में इस योजना के तहत पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। योजना के चौथे व अंतिम चरण में आर्सेनिक व फ्लोराइड से प्रभावित गंगा यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों में पेयजल योजना पहुंचेगी।
