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परमाणु ऊर्जा के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध : मनमोहन

Last Updated- December 05, 2022 | 4:58 PM IST

भारत-अमेरिका परमाणु सौदे पर वामपंथी दलों की ओर से हो रहे भारी विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार प्रदूषण रहित बिजली स्रोत के तौर पर परमाणु ऊर्जा को विकसित करने के लिए प्रतिबध्द है।


दिल्ली के बाहरी क्षेत्र बवाना में 1500 मेगावाट की बिजली परियोजना के तीसरे चरण की बुनियाद रखने के बाद सिंह ने कहा कि हमारी सरकार प्रदूषण रहित बिजली स्रोत के तौर पर परमाणु ऊर्जा विकसित करने के लिए प्रतिबध्द है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सोमवार भारत में ऊर्जा के कुछ स्रोत सस्ते हो सकते हैं,, लेकिन देश को अगली पीढ़ियों के बारे में सोचने की जरूरत है।


उन्होंने कहा कि हमारी ऊर्जा जरूरतों का बढ़ना तय है। यदि हम आगे नहीं देख पाते और ऐसे कदम नहीं उठाते जो आज और कल के लिए ही नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए उपयोगी हो तो हम अपने देश के प्रति जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सकेंगे। भारत में अपार सौर ऊर्जा की मौजूदगी का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि हमें अब अपना ऊर्जा बास्केट बढ़ाना चाहिए ताकि ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित किया जा सके।


उन्होंने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा की रणनीति बहु-उद्देशीय है। सिंह ने कहा कि हम सिर्फ एक या दो संसाधनों पर निर्भर नहीं रह सकते। बढ़ते शहरीकरण के कारण ऊर्जा की तेजी से बढ़ती जरूरतों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को बिजली के विकल्पों का विस्तार करने की जरूरत है, जिसमें परमाणु बिजली जैसे वैकल्पिक संसाधनों को शामिल किया जाना चाहिए। सिंह ने कहा कि अर्थव्यवस्था सालाना 8-9 फीसदी की रफ्तार से विकास कर रही है।


बढ़ते शहरीकरण और संपन्नता के कारण बिजली की मांग मौजूदा आपूर्ति संसाधनों के मुकाबले ज्यादा है। उन्होंने कहा कि भारत में कोयला भंडार काफी है और सरकार ने इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। सरकार पन-बिजली को भी विकसित करने की कोशिश कर रही है लेकिन हमें पर्यावरण और खनन एवं बांध निर्माण से विस्थापित होने वालों के सरोकारों को भी ध्यान में रखना होगा।

First Published - March 24, 2008 | 10:24 PM IST

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