सीमेंट और इस्पात में हो रही बेतहाशा वृद्धि के कारण सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय निजी कांट्रेक्टरों की निर्माण लागत बढ़ाने की मांग को मान सकता है।
निजी कांट्रेक्टरों का कहना है कि सीमेंट और इस्पात के दामों में बढ़ोतरी होने की वजह से उनका निर्माण खर्च बढ़ गया है।मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि हमलोगों ने राजमार्ग के कांट्रेक्टरों से ढेरों मांग प्राप्त किए हैं। वैसे यह बहुत मुश्किल है कि तयशुदा कीमत को बदला जाए और जारी कांट्रेक्ट में नई कीमत प्रणाली को लागू किया जाए।
वैसे सरकार ने सीमेंट और इस्पात के दामों पर नियंत्रण करने के लिए कदम उठा रही है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले सप्ताहों में इसकी कीमतों में गिरावट आ जाए।
उन्होंने कहा कि निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी)के आधार पर जो भी प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं उसमें इस तरह का जोखिम होता है। वैसे इस जोखिम को कुछ हद तक उन जिंसों के लिए प्रबंधित किया जाता है जो स्टार कीमत के अंतर्गत आता है। स्टार कीमत वह कीमत है जिसका जिक्र प्रोजेक्ट को हस्ताक्षरित करते समय उल्लेख किया जाता है। इन उल्लिखित जिंसों के दामों में अगर बढाेतरी होती है तो उसके लिए मुआवजा देने का प्रावधान होता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग बिल्डर्स फेडरेशन के अध्यक्ष ब्रह्मदूत कहते हैं कि सीमेंट, इस्पात और अन्य कच्चे सामग्रियों के दामों में पिछले साल से जो वृद्धि देखी जा रही है उससे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई)की परियोजनाओं से जुड़े निजी कांट्रेक्टरों को काफी बडा झटका लगा है। इसके अनुबंध दस्तावेज में कही भी इतनी ज्यादा वृद्धि के मुआवजे के लिए किसी प्रकार का उपबंध वर्णित नही है।
बढ़े हुए दामों का बोझ इन निजी कांट्रेक्टरों को झेलना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर 1 किमी लंबे चार लेन के एक सड़क के निर्माण का अनुमानित खर्च 6 करोड़ रुपये है। पिछले एक वर्ष में सीमेंट, इस्पात और अन्य कच्चे माल की कीमतों में 76.96 प्रतिशत की बढाेतरी हुई है और इसकी वजह से इतनी ही लंबाई के सड़क का कुल निर्माण खर्च 7.84 करोड़ रुपये हो गया है।
सोमा इंटरप्राइजेज लि. के निदेशक अंकीदीदु मगांती ने एनएचएआई के बहुत सारे प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लिया है, जब हम बोली लगाते हैं उस वक्त हम उम्मीद करते हैं कि महंगाई 7-8 प्रतिशत रहेगी लेकिन अभी यह महंगाई 40-50 प्रतिशत हो गई है। किसी भी राजमार्ग परियोजना के निर्माण में सीमेंट, इस्पात और बिटुमिन का हिस्सा कुल हिस्से का 40 प्रतिशत होता है। इस्पात ,सीमेंट और बिटुमिन के दामों में क्रमश: 95.25, 98.27 और 37.37 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।