facebookmetapixel
100 गीगावॉट लक्ष्य के लिए भारत में परमाणु परियोजनाओं में बीमा और ईंधन सुधारों की जरूरत: एक्सपर्टCII ने बजट 2026-27 में निवेश और विकास बढ़ाने के लिए व्यापक सुधारों का रखा प्रस्तावRBI ने बैंकों को कहा: सभी शाखाओं में ग्राहकों को बुनियादी सेवाएं सुनिश्चित करें, इसमें सुधार जरूरीसाल 2025 बना इसरो के लिए ऐतिहासिक: गगनयान से भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की उलटी गिनती शुरूदिल्ली देखेगी मेसी के कदमों का जादू, अर्जेंटीना के सुपरस्टार के स्वागत के लिए तैयार राजधानीदमघोंटू हवा में घिरी दिल्ली: AQI 400 के पार, स्कूल हाइब्रिड मोड पर और खेल गतिविधियां निलंबितUAE में जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता: यूरोप ब्रिटेन और मिस्र के विदेश मंत्री से की मुलाकात‘सच के बल पर हटाएंगे मोदी-संघ की सरकार’, रामलीला मैदान से राहुल ने सरकार पर साधा निशानासेमाग्लूटाइड का पेटेंट खत्म होते ही सस्ती होंगी मोटापा और मधुमेह की दवाएं, 80% तक कटौती संभवप्रीमियम हेलमेट से Studds को दोगुनी कमाई की उम्मीद, राजस्व में हिस्सेदारी 30% तक बढ़ाने की कोशिश

जेनोवा का टीका 2 से 8 डिग्री पर सुरक्षित

Last Updated- December 14, 2022 | 8:23 PM IST

पुणे की जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स के कोविड-19 टीका उम्मीदवार एचजीसीओ19 को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भंडारित किया जा सकता है, जबकि फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना के टीकों को शून्य से कम तापमान पर भंडारित करने की जरूरत होती है। गौरतलब है कि एचजीसीओ19 भारत का पहला एमआरएनए प्लेटफॉर्म आधारित टीका है।
कंपनी को अपने कोविड-19 टीके के पहले और दूसरे चरण के मानव चिकित्सकीय परीक्षणों की सशर्त मंजूरी मिली है। कंपनी के प्रस्ताव पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने विचार-विमर्श किया था। कंपनी ने जानवर विषाक्तता अध्ययन के आंकड़ों सहित अपना प्रस्ताव एसईसी के समक्ष पेश किया था। एसईसी ने कंपनी को इस शर्त पर पहले और दूसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षणों की मंजूरी दी कि वह दूसरा चरण शुरू करने से पहले समिति को पहले चरण के अध्ययन के अंतरिम नतीजे सौंपेगी। भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने भी इसे मंजूरी दे दी है।
इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने दावा किया कि एचजीसीओ19 को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भंडारित किया जा सकता है, जिससे टीके को इधर-उधर भेजना आसान होगा। एक सूत्र ने कहा, ‘हमारे जैसे देश में ऐसे टीके व्यवहार्य नहीं हैं, जिन्हें -70 डिग्री या -20 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भंडारित करने की जरूरत है। इससे इन टीकों को सुदूरवर्ती इलाकों में पहुंचाना लगभग नामुमकिन हो जाता है।’
जेनोवा ने सिएटल की एचडीटी बायोटेक कॉरपोरेशन के साथ गठजोड़ किया है और उसे इस टीका उम्मीदवार को विकसित करने के लिए जैवतकनीक विभाग से शुरुआती धन प्राप्त हुआ है। केंद्र लगातार इस टीका विनिर्माता कंपनी के संपर्क में है। हाल में जेनोवा के सीईओ संजय सिंह ने डिजिटल मीडिया के जरिये प्रधानमंत्री और अन्य टीका विनिर्माताओं के साथ बैठक की थी।
इस खबर पर सिंह की तत्काल कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई। कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ‘एचजीसीओ19 ने पहले ही कुतरने वाले जीवों और बंदरों में सुरक्षा, प्रतिरक्षा और निष्प्रभावीकरण दिखाया है। जेनोवा इस चुनौतीपूर्ण दौर में यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि उसका पहला मानव इंजेक्शन वर्ष 2020 के अंत या उससे पहले बन जाए। यह भारतीय नियामकीय मंजूरियों पर निर्भर करेगा।’

First Published - December 10, 2020 | 11:28 PM IST

संबंधित पोस्ट