महामारी के दौरान अप्रैल से जून के बीच मुफ्त रसोई गैस बांटने की योजना को सरकार ने खूब बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था, लेकिन यह योजना कुछ और ही कहानी बता रही है। सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि जिन लोगों को मुफ्त रसोई गैस सिलिंडर देने का लक्ष्य था, उनमें से सिर्फ 49.6 प्रतिशत लोगों तक इस दौरान रसोई गैस पहुंचाई जा सकी है।
1 अप्रैल के बाद 3 महीने के भीतर सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत आने वाले 8.034 करोड़ परिवारों को मुफ्त रसोई गैस के 3 सिलिंडर देने का लक्ष्य रखा गया था। इस हिसाब से सरकार को जून के अंत तक कम से कम 24.102 करोड़ सिलिंडर देने थे।
बहरहाल सरकार ने सिर्फ 11.97 करोड़ रसोई गैस सिलिंडर बांटे हैं। सरकार ने अनुमान लगाया था कि इस योजना पर 13,500 करोड़ रुपये खर्च आएगा, वहीं उज्ज्वला लाभार्थियों के खाते में 30 जून तक केवल 9,710 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।
सरकार ने बुधवार को उन लोगों को राहत दी है, जिन्हें अपने खाते का अग्रिम क्रेडिट अभी इस्तेमाल करना है। इससे पीएमयूवाई लाभार्थियों को फायदा होगा, जिन्हें गैस सिलिंडर खरीदने के लिए अग्रिम में धन दे दिया गया है। अब लाभार्थी उस धन से 30 सितंबर तक मुफ्त रिफिल की डिलिवरी ले सकते हैं। मुफ्त एलपीजी सिलिंडर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का हिस्सा है, जिसके तहत गरीब और हाशिये पर खड़े लोगों को राहत दी जानी है। उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस लेने की सुस्त रफ्तार भी इसकी प्रमुख वजह है। उद्योग के सूत्रों के मुताबिक उज्ज्वला ग्राहक औसतन प्रति कनेक् शन सालाना 2.9 सिलिंडर लेते हैं, हालांकि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में कहा गया है कि उज्ज्वला लाभार्थी साल में औसतन 3.21 सिलिंडर लेते हैं।
मुफ्त रसोई गैस सिलिंडर से खबत बढऩे की संभावना है। रसोई गैस की खपत में मई में पिछले साल की तुलना में 12.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। योजना को लागू करने के तौर तरीकों को लेकर भी इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम व हिंदुस्तान पेट्रोलियम की आलोचना हो रही है।
फेडरेशन आप एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स आफ इंडिया ने कंपनियों को लिखे एक पत्र में कहा है, ‘लक्ष्य हासिल करने के लिए कंपनी के अधिकारियों ने वितरकोंं को पीएमयूवाई लाभार्थियों की 100 प्रतिशत बुकिंग की पहल करने को कहा, भले ही लाभार्थी उनसे संपर्क न कर रहा हो। कुछ ओएमसी ने ऑटो बुकिंग भी कर दी। वास्तविक मांग कम होने से जब यह तरीका विफल हो गया तो अधिकारियों ने वितरकों को धमकी देनी शुरू की कि सिलिंडर की डिलिवरी दें अन्यथा कनेक्शन दूसरे वितरक को स्थानांतरित कर दिए जाएंगे।’
