प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नैशनल हेरल्ड धनशोधन मामले में गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दो घंटे तक पूछताछ की। दूसरी ओर, सोनिया से पूछताछ के विरोध में पूरे देश में कांग्रेस पार्टी ने शक्ति प्रदर्शन किया और कई वरिष्ठ नेताओं ने गिरफ्तारियां दीं। अधिकारियों ने बताया कि कोविड संक्रमण से उबर रहीं 75 वर्षीय सोनिया गांधी से पूछताछ करीब दो घंटे चली और उनके अनुरोध पर पूछताछ सत्र समाप्त कर दिया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने 25 जुलाई को दूसरे दौर की पूछताछ के लिए सोनिया गांधी को समन जारी किया है।
यह जांच कांग्रेस से जुड़ी ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है। ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी के पास नैशनल हेरल्ड समाचार पत्र का मालिकाना हक है। ईडी धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत उनका बयान दर्ज करेगी। एजेंसी ने सोनिया गांधी के बेटे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से पिछले महीने पांच दिन के दौरान 50 घंटे से अधिक समय तक इस मामले में पूछताछ की थी।
सोनिया गांधी से कोविड-19 नियमों को ध्यान में रखते हुए पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान मौजूद सभी लोगों के पास संक्रमित नहीं होने का प्रमाण पत्र था।
क्या है मामला?
एक निचली अदालत ने 2013 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा दायर एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर यंग इंडियन के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था। सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन के प्रवर्तकों और बहुलांश शेयरधारकों में से हैं। अपने बेटे की तरह कांग्रेस अध्यक्ष की भी कंपनी में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है। स्वामी ने सोनिया, राहुल और अन्य पर धोखाधड़ी और धन का गबन करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था और कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर कांग्रेस का बकाया था।
कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि कोई गलत काम नहीं हुआ है और ‘यंग इंडियन’ कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत स्थापित एक ‘गैर-लाभकारी’ कंपनी है और इसलिए धनशोधन का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता। ईडी के अनुसार, लगभग 800 करोड़ रुपये की संपत्ति एजेएल के पास है। ईडी गांधी परिवार से जानना चाहता है कि ‘यंग इंडियन’ जैसी गैर-लाभकारी कंपनी अपनी जमीन और भवन संपत्ति को किराये पर देने की व्यावसायिक गतिविधियों को कैसे अंजाम दे रही थी।
विपक्ष का बयान
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार समेत कई विपक्षी नेताओं ने एक साझा बयान में कहा, ‘मोदी सरकार ने जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करते हुए अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई की मुहिम छेड़ रखी है। कई राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया गया है और उनका अप्रत्याशित तरीके से उत्पीड़न किया है।’