रंगों के त्योहार होली के अवसर पर बनने वाली गुझिया में भरे जाने वाले खोए को भी मिलावटखारों ने नहीं बख्शा है। बाजार में मिलावटी खोए की भरमार है। इससे बनी गुझिया खाने के बाद आपकी होली के रंग फीके और बदमजा हो जाएंगे।
शहर की खोया मंडी हटिया में भारी मात्रा में मिलावटी खोया बिकने की खबर से जिला प्रशासन भी काफी सतर्क हो गया है। जिलाधिकारी आलोक कुमार ने एडीएम सिटी शकुंतला गौतम को खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है और उनके साथ नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग और मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ डाक्टरों की कई टीमें बना दी हैं जो खोए की जांच का काम कर रही हैं।
कानपुर शहर की हटिया खोए की सबसे बड़ी मंडी है, यहां से खोया आस पास के जिलों में ही नहीं जाता है, बल्कि बिहार भी भेजा जाता है। खोया अमूमन डलिया में रखकर बेचा जाता है। खोया मंडी स्थित व्यापारियों के अनुसार एक डलिया में करीब 60 किलो खोया रहता है। मिलावट करने वाले डलिया में ऊपर तो 10 किलो असली खोया रखते हैं जबकि नीचे मिलावटी खोया रखते हैं। खोया खरीदने वाले या जांच करने वाले ऊपर का खोया जांचते हैं और वह शुध्द पाया जाता है।
खोए की जांच करने वाले अधिकारियों के अनुसार मिलावटी खोए की जांच करना काफी आसान होता है। उन्होंने बताया कि खोए के किसी भी नमूने को लेकर उस पर टिंचर आयोडीन का घोल डालते हैं। घोल डालने पर शुध्द खोए का रंग ब्राउन हो जाता है जबकि मिलावटी खोया काले रंग का हो जाता है। खोया बार एसोसिएशन भी मानता है कि होली के अवसर पर मंडी में मिलावटी खोए की भरमार होती है। बाजार में मिलावटी खोया 70 से 80 रुपए में उपलब्ध होता है जबकि शुध्द खोया 120 से 150 रुपए में मिलता है। ग्राहक हमेशा सस्ते के चक्कर में मिलावटी खोया खरीदता है और अपने जायके के साथ ही अपना स्वास्थ्य भी खराब करता है।