facebookmetapixel
100 गीगावॉट लक्ष्य के लिए भारत में परमाणु परियोजनाओं में बीमा और ईंधन सुधारों की जरूरत: एक्सपर्टCII ने बजट 2026-27 में निवेश और विकास बढ़ाने के लिए व्यापक सुधारों का रखा प्रस्तावRBI ने बैंकों को कहा: सभी शाखाओं में ग्राहकों को बुनियादी सेवाएं सुनिश्चित करें, इसमें सुधार जरूरीसाल 2025 बना इसरो के लिए ऐतिहासिक: गगनयान से भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की उलटी गिनती शुरूदिल्ली देखेगी मेसी के कदमों का जादू, अर्जेंटीना के सुपरस्टार के स्वागत के लिए तैयार राजधानीदमघोंटू हवा में घिरी दिल्ली: AQI 400 के पार, स्कूल हाइब्रिड मोड पर और खेल गतिविधियां निलंबितUAE में जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता: यूरोप ब्रिटेन और मिस्र के विदेश मंत्री से की मुलाकात‘सच के बल पर हटाएंगे मोदी-संघ की सरकार’, रामलीला मैदान से राहुल ने सरकार पर साधा निशानासेमाग्लूटाइड का पेटेंट खत्म होते ही सस्ती होंगी मोटापा और मधुमेह की दवाएं, 80% तक कटौती संभवप्रीमियम हेलमेट से Studds को दोगुनी कमाई की उम्मीद, राजस्व में हिस्सेदारी 30% तक बढ़ाने की कोशिश

नई उदार नीति से ड्रोन का परिचालन होगा आसान

Last Updated- December 12, 2022 | 2:58 AM IST

भारत ड्रोन के नियमन को और उदार बनाएगा। इससे ड्रोन ऑपरेटरों को वाणिज्यिक गतिविधियों में ड्रोन का इस्तेमाल करने तथा उसके लिए लाइसेंस हासिल करने में आसानी होगी। नए नियम 15 अगस्त को जारी किए जा सकते हैं।
नए नियमों में लाइसेंसिंग की जरूरतों को आसान बनाया जाएगा, परिचालन की बंदिशें हटाई जाएंगी और ऑपरेटरों के लिए जुर्माने को कम किया जा सकता है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते हुई उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। दिलचस्प है कि यह निर्णय ड्रोन का उपयोग कर जम्मू में किए गए आतंकी हमले के कुछ दिन बाद ही लिया गया है। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे।
सूत्रों ने कहा कि ड्रोन को लेकर सुरक्षा संबंधी कुछ चिंताएं हैं लेकिन सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना था कि सुरक्षा जोखिमों को देखते हुए ड्रोन उद्योग पर पाबंदी लगाना एक उभरते क्षेत्र का दम घोंटने जैसा होगा जबकि भविष्य में इसका उपयोग काफी अहम होने जा रहा है। भारतीय वायु सेना को भी शत्रु ड्रोनों की समस्या पर काबू पाने के लिए प्रतिरोधी ड्रोन तकनीक खरीदने और विकसित करने का काम सौंपा गया है।
नया नियम मानवरहित विमान प्रणाली नियम, 2021 को दरकिनार कर देगा। यह नियम मार्च में ही प्रभावी हुआ है। घटनाक्रम के जानकार एक शख्स ने बताया, ‘मौजूदा नियमों को लेकर ड्रोन उद्योग से कई शिकायतें मिलीं हैं। उनका कहना है कि मौजूदा नियम सुविधाजनक नहीं है और ऑपरेटरों पर अनुपालन का बोझ बढ़ाता है, जबकि इस उद्योग में ज्यादातर युवा उद्यमी हैं। यही वजह है कि पुराने नियमों की जगह नया नियम बनाया जा रहा है।’
उद्योग जगत के सूत्रों का कहना है कि मार्च में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार किसी कंपनी को ड्रोन का परिचालन करने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों से 23 तरह की मंजूरी की जरूरत थी। इनके अलावा भी कंपनी को दूसरी कई अन्य अनुमति लेने के निर्देश जारी किए गए थे। इस बारे में ड्रोन बनाने वाली एक कंपनी के अधिकारी ने कहा कि ड्रोन के परीक्षण के लिए भी भारतीय वायु सेना से अनुमति लेनी जरूरी थी। मौजदा नियमों के तहत जो प्रावधान किए गए हैं उनसे अनुमति लेना और पेचीदा हो गया है। मौजूदा नियमों में यह भी कहा गया है कि जियो फेंसिंग कैपेबिलिटी, टक्कर रोकने की प्रणाली से जुड़ी शर्तें भी पूरी करनी होंगी, लेकिन इन पर ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को काफी खर्च आता है।
ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, ‘प्रमाणन के माध्यम से सुरक्षा के पहलू पर गौर नहीं किया गया है। उदाहरण के लिए किसी हेलीकॉप्टर में इसके मुख्य रोटर के लिए कोई उपकरण नहीं होता है मगर इसे शहरों में भी लोगों को लाने ले जाने की अनुमति मिली हुई है। ऐसा लगता है कि ड्रोन के मामले में इन बातों को नजरअंदाज कर दिया गया है।’ सूत्रों ने कहा कि नई नीति में खाद्य एवं सामान की आपूर्ति के लिए ड्रोन पर लगे प्रतिबंध को भी हटा लिया जाएगा। स्विगी, फ्लिपकार्ट और अपोलो हॉस्पिटल्स जैसी कई कंपनियों ने ड्रोन के जरिये खान-पान एवं दवाओं की आपूर्ति के परीक्षण के लिए समझौते किए हैं।
डीएफआई के शाह ने कहा, ‘नियम कड़े हों या उदार लेकिन इनसे असामाजिक तत्वों को ड्रोन के माध्यम से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने से नहीं रोका जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति की मंशा सही नहीं है तो वह अपने ड्रोन का पंजीकरण नहीं कराएगा और कभी भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करेगा।’

First Published - July 6, 2021 | 11:12 PM IST

संबंधित पोस्ट