मंत्रिमंडल ने आज प्रधानमंत्री आवास योजना की एक उप-योजना रूप में शहरी प्रवासियों और गरीबों के लिए सस्ते किराया आवास परिसर बनाने को मंजूरी दे दी। इस पहल की सबसे पहले घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मर्ई में आत्म निर्भर भारत पैकेज के तहत की थी।
मंत्रिमंडल ने ‘प्र्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ और ‘आत्म निर्भर भारत’ के तहत की गई बहुत सी घोषणाओं की तारीख भी बढ़ा दी हैं। इनमें केंद्र के पेंशन फंड योगदान में बढ़ोतरी, उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस लाभार्थी और मुफ्त खाद्यान्न लाभार्थी शामिल हैं।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘मौजूदा खाली सरकार वित्त पोषित आवास परिसर को 25 साल के करार के जरिये सस्ते किराया आवास परिसर में तब्दील किया जाएगा या निजी/ सार्वजनिक इकाइयों को अपनी उपलब्ध भूमि पर सस्ते किराया आवास परिसर विकसित करने के लिए 25 साल तक विशेष प्रोत्साहन मुहैया कराया जाएगा।’
इसमें कहा गया कि सस्ते किराया आवास परिसर में लक्षित लाभार्थी बेहतर मौकों की तलाश में गांवों और कस्बों से आने वाले विनिर्माण, आतिथ्य, स्वास्थ्य, घरेलू या वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और निर्माण एवं अन्य क्षेत्रों के कामगार, श्रमिक और छात्र होंगे। इस योजना पर 600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रवासियों के लिए सस्ती आवास योजना को मंजूरी मिलने के बाद आत्मनिर्भर भारत घोषणा में केवल नई निजीकरण नीति ही बच गई है, जिसे अभी मंत्रिमंडल की मंजूरी नहीं मिली है।
मंत्रिमंडल ने कर्मचारी भविष्य निधि कोष के तहत कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों के हिस्से के लिए केंद्र के योगदान में बढ़ोतरी (10 फीसदी से 12 फीसदी) को जून से अगस्त 2020 तक तीन और महीनों के लिए मंजूरी दे दी। इस योजना को मई तक अप्रैल में मंजूरी दी गई थी, जिसकी घोषणा सीतारमण ने 13 मई को की थी।
