पंजाब के उप महानिरीक्षक (कारागार) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने रविवार को कहा कि उन्होंने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं भारतीय कबड्डी टीम के कोच असन सांगवान ने भिवानी में घोषणा की है कि अगर किसानों की मांग नहीं मानी गई तो वह अपना अर्जुन पुरस्कार लौटा देंगे। उधर किसानों के आंदोलन का इस्तेमाल करने को लेकर दलों में आरोप प्रत्यारोप जारी रहा।
इस बीच संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने सिंघू बॉर्डर पर 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा की है। सिंघू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने आज संवाददाता सम्मेलन कर स्पष्ट किया कि भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के भानु प्रताप जिन्होंने प्रदर्शन वापस लेने की बात कही है वह किसान मोर्चा से नहीं जुड़े हैं।
प्रधान सचिव (गृह) को भेजे अपने त्याग पत्र में जाखड़ ने कहा कि वह अपने किसान भाइयों के साथ खड़ा होने के लिए सोच समझकर और आत्मविश्लेषण कर यह निर्णय ले रहे हैं।
सांगवान ने किसानों के समर्थन में अर्जुन पुरस्कार लौटाने की घोषणा करते हुए कहा कि अगर किसानों की मांग नहीं मानी गई तो वह अपना अर्जुन पुरस्कार लौटा देंगे। सांगवान इस समय भारतीय कबड्डी टीम के कोच हैं और उन्हें साल 1994 में भीम पुरस्कार, साल 1996 में भारत गौरव तथा साल 1998 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका कहना है कि प्रदेश में उनके समय के अर्जुन पुरस्कार विजेता किसानों के समर्थन में हैं क्योंकि खिलाड़ी किसान परिवारों से आते हैं उनका प्रमुख व्यवसाय खेती है।
दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने नोएडा से दिल्ली जाने वाले रास्ते को आधा खोल दिया है। इसके पहले उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आश्वासनों के बाद आंदोलन खत्म करने की घोषणा की थी, लेकिन उनके यूनियन के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई। उनके कार्यकर्ता सड़क के बीचो बीच धरने पर बैठे हैं।
उधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर देश की एकता और अखंडता को चुनौती दे रहे हैं जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके पहले शनिवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि आंदोलन अब किसानों का नहीं रहा क्योंकि इसमें ‘वामपंथी और माओवादी तत्व घुस आए हैं’ जो ‘राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में’ जेल में बंद लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ केंद्रीय मंत्रियों के इन दावों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
