पुणे की माईलैब डिस्कवरी सॉल्युशंस ने मॉनसून में होने वाली बीमारियों की जांच के लिए पहला संयुक्त आरटी-पीसीआर किट पेश किया है।
इस किट से मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू और जीका सहित सात बीमारियों में अंतर का पता लगाया जा सकता है। माईलैब को पहला स्वदेशी कोविड आरटी-पीसीआर और फिर रैपिड ऐंटीजन टेस्ट किट बनाने का श्रेय जाता है।
मॉनसून में मच्छरजनित रोग मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि देखी जाती है। माईलैब ने एक बुखार पैनल विकसित किया है, जो सभी मॉनसून जनित रोगों की जांच के लिए आरटी-पीसीआरकिट से उसकी जांच करेगा।
कंपनी का दावा है कि यह मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू, जीका, लेप्टोपायरोसिस, सैलमोनेलोसिस बैक्टीरियाजनित बीमारियों का पता लगाता है और उसके अंतर के बारे में भी बताता है। इस पूरे किट से सैंपल निकालने के बाद दो घंटे में नतीजे आ जाते हैं, जिससे एक बड़ी आबादी की जांच आसानी से हो सकती है।
माईलैब डिस्कवरी सॉल्युशंस के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक हसमुख रावल कहते हैं, ‘सटीक और विश्वसनीय परीक्षण नहीं होने के कारण इनमें से कई बीमारियां चुनौती बनी हुई हैं।’
दुनियाभर में 17 प्रतिशत संक्रामक बीमारियां वेक्टर के कारण फैलती हैं और इनसे हर साल सात लाख लोगों की जानें जाती हैं।