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क्रेडाई ने की कर छूट का दायरा बढ़ाने की मांग

Last Updated- December 12, 2022 | 10:01 AM IST

रियल्टी कंपनियों के संगठन क्रेडाई ने घर की बिक्री बढ़ाने के लिए सरकार से आगामी बजट में कर छूट का दायरा बढ़ाने की मांग की है। इसके साथ ही संगठन ने सुझाव दिया कि आवास ऋण के भुगतान पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत मिलने वाली कर छूट की सीमा भी बढ़ाई जानी चाहिए। संगठन ने आवास ऋण की मूल राशि के भुगतान पर अलग से छूट का भी सुझाव दिया। कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के देश भर में लगभग 20 हजार सदस्य हैं। संगठन ने रियल एस्टेट निवेश न्यास (रीट) में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कर प्रोत्साहन की भी सिफारिश की।    

प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की जरूरत
उद्योग ने कहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गैस आधारित अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण को हकीकत रूप देने और सकल ऊर्जा संसाधनों में पर्यावरण अनुकूल ईंधन की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार को प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाना चाहिए। फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री (एफआईपीआई) ने कहा कि प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में नहीं लाने से इसकी कीमतों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही पहले से चली आ रही कर व्यवस्था का असर प्राकृतिक गैस उद्योग पर पड़ रहा है। वित्त मंत्रालय को बजट से पहले सौंपे गए ज्ञापन में एफआईपीआई ने कहा कि विभिन्न राज्यों में प्राकृतिक गैस पर वैट काफी ऊंचा है। उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में यह 14.5 प्रतिशत, गुजरात में 15 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में 14 प्रतिशत है।     भाषा

First Published - January 11, 2021 | 12:09 AM IST

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