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कोविड: अधिक संक्रमण दर वाले राज्यों में घट रहे मामले

Last Updated- December 12, 2022 | 12:16 AM IST

भारत के पांच राज्यों में कोरोनावायरस संक्रमण की दर 5 से 20 प्रतिशत के दायरे में है और यह देश के कुल कोविड रुझान से अलग हो सकता है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि मिजोरम को छोड़कर अधिकांश राज्यों में संक्रमण में कमी के धीमे रुझान दिख रहे हैं। संक्रमण की अधिक संख्या को देखते हुए अधिकारी भी सतर्क हैं और उन्होंने पूरे देश को अक्टूबर से दिसंबर तक सभी तरह की सावधानी बरतने की चेतावनी दी है क्योंकि कोविड का खतरा अभी टला नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 6 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण की दर 1.6 प्रतिशत रही जबकि इसके मुकाबले मिजोरम में साप्ताहिक संक्रमण दर 21 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच गई। वहीं केरल में संक्रमण दर 13.7 प्रतिशत जबकि सिक्किम में 12 प्रतिशत से थोड़ा अधिक थी। इसी अवधि के दौरान मणिपुर के संक्रमण दर में 7 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई जबकि मेघालय में संक्रमण दर 5 प्रतिशत से अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन राज्यों में कोविड की दूसरी लहर आने में देरी हुई। मिसाल के तौर पर केरल में जून महीने में जहां सीरो-पॉजिटिविटी 44 फीसदी थी वहीं ताजा सर्वे में अब यह बढ़कर 82 फीसदी हो गई है।
मई के मध्य से ही केरल में लगातार 10,000 से अधिक संक्रमण के मामले रोजाना दर्ज किए जा रहे हैं और यहां प्रतिदिन 100 से अधिकलोगों की मौत हो रही है। कभी-कभी देश में दर्ज किए गए ताजा मामलों में केरल का योगदान 70 प्रतिशत से अधिक रहा है। पिछले सप्ताह दर्ज किए गए कुल मामलों में से आधे से अधिक केरल से थे। सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च इन वायरोलॉजी के पूर्व प्रमुख और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर में सेवानिवृत्त प्रोफेसर जैकब जॉन ने कहा, ‘सितंबर के दूसरे सप्ताह से केरल में संक्रमितों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। हर जगह कोरोनावायरस की दूसरी लहर 27 जुलाई को खत्म हो गई थी लेकिन केरल में दूसरी लहर लंबी अवधि तक जारी रहा है।’
दक्षिणी राज्यों के राज्य के अधिकारी इस बात पर भी जोर देते हैं कि पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में संक्रमण की वजह से प्रतिरोधक क्षमता बनी है जबकि केरल में प्रतिरोधक क्षमता टीके की वजह से बनी है। केरल में कोविड प्रबंधन समिति के सदस्य और तिरुवनंतपुरम के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सामुदायिक चिकित्सा विभाग में सहायक प्रोफेसर अनीश टी एस ने कहा, ‘टीके संक्रमण को नहीं रोकेंगे लेकिन इनकी वजह से संक्रमण के मामले गंभीर नहीं होंगे।’
उन्होंने यह भी कहा कि केरल जैसे राज्यों की तुलना में उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में संक्रमण के मामले दर्ज कराने की कोई मानक व्यवस्था नहीं है। मिजोरम में इस वक्त देश भर के मुकाबले संक्रमण की दर सबसे ज्यादा है लेकिन वहां गिरावट के शुरुआती संकेत मिलने लगे हैं। हालांकि आने वाले समय में हालात पर करीब से नजर रखनी होगी। केरल की तरह मिजोरम भी इस बात पर जोर देकर कह रहा है कि उत्तर भारतीय राज्यों की तुलना में संक्रमण की काफी आक्रामकता से जांच कर रहा है लेकिन राज्य में बच्चों में संक्रमण बढऩे से चिंता बढ़ी है जो कुल मामलों का 30-35 प्रतिशत है।
मिजोरम में स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक एरिक जोमाविया ने कहा, ‘हमने शुरुआत में काफी अच्छा प्रदर्शन किया। हम मामलों में तेजी देख रहे हैं क्योंकि समुदायिक स्तर पर प्रतिरोधक क्षमता नहीं बनी है। दूसरी वजह हमारी संस्कृति है और हमारा समाज ऐसा है कि हम अपने पड़ोसियों के साथ भी करीब से जुड़े हुए हैं।’ हालांकि सकारात्मक पक्ष यह है कि इन राज्यों में मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम रही है। जॉन कहते हैं, ‘डेल्टा हर जगह पहुंच जाएगा। लेकिन हमारी कोशिश यह है कि लोगों की मौत रोकी जाए।’
मेघालय एक दूसरा राज्य है जहां मौत का अनुपात 0.33 प्रतिशत से कम होने के बावजूद जांच में संक्रमण दर में वृद्धि देखी जा रही है। मेघालय के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक राम कुमार ने कहा, ‘मामले लगातार कम हो रहे हैं। हमारे पास तीन-स्तरीय रणनीति है, रोकथाम, टीकाकरण और कोविड के अनुरूप व्यवहार।’
मेघालय भी उन राज्यों में शामिल है जहां टीकाकरण कवरेज राष्ट्रीय औसत से पीछे है। राज्य में लगभग 54 प्रतिशत पात्र आबादी को टीके की पहली खुराक और लगभग 25 प्रतिशत आबादी को टीके की दोनों खुराक दी है। मणिपुर में जहां जांच में संक्रमण दर अगस्त के मध्य के लगभग 19 प्रतिशत के शीर्ष स्तर से घटकर पिछले सप्ताह में लगभग 6 प्रतिशत हो गई है वहीं टीके की पहली खुराक लेने वालों के लिए टीकाकरण कवरेज भी 60 प्रतिशत से कम है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि सिक्किम में 6 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में साप्ताहिक संक्रमण दर 12 प्रतिशत से अधिक थी और कोविड19इंडिया डॉट ओआरजी के आंकड़ों से पता चलता है कि सात दिनों के औसत के आधार पर संक्रमण दर 1 अक्टूबर से पांच से 9 प्रतिशत के बीच रही है। राज्य संक्रमण के मामलों में गिरावट के रुझान को दर्शा रहा है और टीकाकरण कवरेज के मामले में यह शीर्ष राज्यों में से एक है, जिसने अपनी पूरी वयस्क आबादी को टीके की एक खुराक और 79 प्रतिशत आबादी को टीके की दोनों खुराक दे दी है।

First Published - October 14, 2021 | 11:12 PM IST

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