प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों से कहा कि सदन में उन्हें अनिवार्य रूप से उपस्थिति दर्ज करानी चाहिए, भले ही महत्त्वपूर्ण विधेयक सूचीबद्ध हों या ना हों, क्योंकि लोगों ने अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए उन्हें चुनकर संसद में भेजा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री ने यह बात कही। इस बैठक में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सहित अन्य आदिवासी सांसदों ने प्रधानमंत्री का अभिनंदन भी किया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, संसद में भाजपा सदस्यों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बच्चों को बार-बार टोका जाए तो उन्हें भी अच्छा नहीं लगता है, अपने आप में परिवर्तन लाइए, नहीं तो परिवर्तन वैसे ही हो जाता है।’
सूत्रों के अनुसार, उन्होंने सभी सांसदों को संसद सत्र के दौरान सदन में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने का निर्देश दिया। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री इससे पहले भी संसद की कार्यवाही के दौरान सदस्यों की अनुपस्थिति पर चिंता जता चुके हैं। संसदीय दल की पूर्व की बैठकों में भी उन्होंने सांसदों को कार्यवाही के दौरान सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने की हिदायत दी है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्री एस पी सिंह बघेल की ओर से अपने संसदीय क्षेत्र में सांसद खेल महोत्सव का आयोजन किए जाने के लिए उनकी सराहना की और सभी सांसदों से ऐसे खेल आयोजन करने और उससे बच्चों व युवाओं को जोडऩे को कहा। संसद के शीतकालीन सत्र में यह भाजपा संसदीय दल की पहली बैठक थी।
आम तौर पर भाजपा संसदीय दल की बैठक संसद परिसर स्थित लाइब्रेरी बिल्डिंग में होती है लेकिन वहां जारी मरम्मत कार्य के चलते पहले हफ्ते संसदीय दल की बैठक नहीं हो सकी थी। आज की बैठक आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित अन्य नेता उपस्थित थे। नड्डा ने इस अवसर पर सांसदों से कहा कि वह अपने-अपने क्षेत्रों के जिलाध्यक्षों और मंडल अध्यक्षों को चाय पर बुलाएं और उनसे संवाद करें।
