Bihar Elections 2025: भारतीय जनता पार्टी (BJP) को भले सबसे धनी पार्टी कहा जाता है, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में उसके उम्मीदवार दूसरे प्रमुख दलों की तुलना में कम अमीर हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) यानी एलजेपी रामविलास पासवान और सीपीआईएम के सभी उम्मीदवार करोड़पति हैं, वहीं भाजपा के राजेडी, जेडीयू और कांग्रेस से भी कम करोड़पति उम्मीदवार है। सबसे अमीर उम्मीदवार विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी का है। बिहार विधानसभा चुनाव लड रहे 43 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। वहीं करीब एक तिहाई उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 26 फीसदी उम्मीदवारों पर तो गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की अपराधिक, आर्थिक व अन्य पृष्ठभूमि पर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार दूसरे चरण में 1,297 उम्मीदवार चुनाव लड रहे हैं, इनमें 562 यनी 43 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। एलजेपी (रामविलास पासवान) और सीपीआईएम के सभी उम्मीदवार करोड़पति हैं। इसके बाद बड़े दलों में सबसे अधिक 91 फीसदी उम्मीदवार जेडीयू के, 84 फीसदी राजेडी व कांग्रेस के उम्मीदवार करोड़पति हैं, वहीं भाजपा के 83 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। जाहिर है सबसे धनी पार्टी कही जाने वाली भाजपा के करोड़पति उम्मीदवार अन्य प्रमुख दलों की तुलना में कम हैं। सबसे अमीर उम्मीदवार वीआईपी का है।
पश्चिम चंपारण (लौरिया) से वीआईपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रण कौशल प्रताप सिंह ने 368 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है। तीन सबसे अमीर उम्मीदवारों में गया (गुरुआ) से राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी से चुनाव लड रहे नितीश कुमार ने 250 करोड़ रुपये और गया से बेलागंज विधानसभा से जेडीयू की उम्मीदवार मनोरमा देवी 75 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति के साथ शामिल हैं। दूसरे चरण में सभी उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.44 करोड़ रुपये है। पार्टी के हिसाब से बात करें तो सबसे अधिक औसत संपत्ति 9.18 करोड़ रुपये जेडीयू के उम्मीदवारों की है और सबसे कम औसत संपत्ति 1.29 करोड़ रुपये भाकपा(माले) के उम्मीदवारों की है। बसपा से चुनाव लड़ रहे सुनील कुमार चौधरी ने शून्य संपत्ति घोषित की है।
एडीआर की इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में करीब एक तिहाई उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कुल 1,297 उम्मीदवारों में 415 यानी 32 फीसदी पर आपराधिक मामले, जबकि 341 यानी 26 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 19 उम्मीदवारों ने हत्या (आईपीसी धारा-302, 303) और (बीएनएस धारा-103(1)), 79 उम्मीदवारों ने हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा-307) और (बीएनएस धारा-109) के मामले घोषित किए हैं। वहीं 52 उम्मीदवारों ने महिलाओं के विरुद्ध अपराध से संबंधित मामले घोषित किए हैं, इनमें से 3 उम्मीदवारों ने बलात्कार (आईपीसी धारा-375 और 376) से संबंधित मामले घोषित किए हैं।
एडीआर ने पार्टियों के हिसाब से भी बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में चुनाव लड रहे उम्मीदवारों पर दर्ज आपराधिक मामलों का विश्लेषण किया है। जिसके मुताबिक 4 प्रमुख दलों में कांग्रेस और आरजेडी के सबसे अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस चरण में कांग्रेस के 37 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, इनमें 20 यानी 54 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। आरजेडी के 70 में से 38 (54%) पर, भाजपा के 53 उम्मीदवारों में से 30 (57%) पर , जेडीयू के 44 उम्मीदवारों में से 14 (32%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 15 उम्मीदवारों में से 9 (60%) , सीपीआई (एमएल) (एल) के 6 उम्मीदवारों में से 5 (83%) , सीपीआई के 4 उम्मीदवारों में से 2 (50%) और सीपीआई (एम) के 1 उम्मीदवार में से 1 (100%), जन सुराज पार्टी के 117 उम्मीदवारों में से 58 (50%), बीएसपी के 91 उम्मीदवारों में से 17 (19%), आप के 39 उम्मीदवारों में से 12 (31%) ने अपने हलफनामे में खुद के खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 1,297 उम्मीदवारों में से 528 (41%) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है, जबकि 627 (48%) उम्मीदवारों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षिक योग्यता घोषित की है। 15 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं। 117 उम्मीदवारों ने खुद को केवल साक्षर और 9 उम्मीदवार निरक्षर घोषित किया है। 1 उम्मीदवार ने हलफनामे में अपनी शैक्षिक योग्यता की जानकारी नहीं दी है। 1,297 उम्मीदवारों में से 445 (34%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच, 680 (52%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित की है। वहीं 170 (13%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की है। 2 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने अपनी आयु 80 वर्ष से अधिक घोषित की है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में 133 (10%) महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं।
एडीआर ने अपनी इस रिपोर्ट में कुछ सिफारशें भी की हैं। जिनमें गंभीर अपराधों में दोषी उम्मीदवारों को आजीवन अयोग्य ठहराने, जिन पर 5 वर्ष या उससे अधिक सजा वाले अपराधों के आरोप तय हैं, उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना और ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देने वाले दलों की टैक्स छूट रद्द करना शामिल हैं।
एडीआर ने कहा कि राजनीतिक दलों को RTI के दायरे में लाया जाए। इसके साथ ही भ्रष्ट या झूठी जानकारी देने वाले प्रत्याशियों की उम्मीदवारी रद्द की जाए। मतदान केंद्रों पर प्रत्याशियों की अपराध, संपत्ति व शिक्षा जानकारी प्रदर्शित की जाए।