केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को घुसपैठ की समस्या से सख्ती से निपटने के लिए जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली असम सरकार की प्रशंसा की, वहीं आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार इस समस्या से निपटने में केंद्र का सहयोग नहीं कर रही है। इस बीच पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार ने गृह मंत्री के दावे को एक ‘सफेद झूठ’ बताया और कहा कि घुसपैठ रोकने का काम सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का है जो केंद्र सरकार के अंतर्गत आता है। असम में हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घुसपैठ की समस्या को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि इस मसले पर ‘बंगाल की सरकार केंद्र के साथ सहयोग नहीं कर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘दूसरी ओर, असम सरकार केंद्र के साथ पूरी तरह से खड़ी है और समस्या से मजबूती से लड़ रही है। इसके परिणामस्वरूप घुसपैठ में उल्लेखनीय कमी आई है।’
टीएमसी ने शाह के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि लोगों की अवैध आवाजाही और तस्करी को रोकना सीमा सुरक्षा बल का कर्तव्य है। उसने कहा, ‘केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा सफेद झूठ बोला जा रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार ने घुसपैठ से निपटने के लिए केंद्र सरकार और केंद्रीय एजेंसियों को पूरा सहयोग दिया है।’ गृह मंत्री ने सोमवार को असम के मनकाचर स्थित भारत-बांग्लादेश सीमा के दौरे का उल्लेख किया और कहा, ‘सारे आंकड़े बताते हैं कि असम में घुसपैठ की घटनाओं में बहुत ज्यादा कमी आई है। कुछ समय के बाद ये घुसपैठ पूरी तरह से बंद हो जाएगी।’ असम के रास्ते बांग्लादेश में पहले बड़े पैमाने पर होने वाली पशु तस्करी का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि असम सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि पशु तस्करों के लिए राज्य के सभी दरवाजे बंद कर दिए जाएं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पशु तस्करों के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई जारी रहेगी और पिछले एक साल के दौरान अब तक 992 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और लगभग दस हजार मवेशियों को बचाया गया है। शाह ने दावा किया कि राज्य में 10,700 से अधिक ‘बीघा’ भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराया गया।
