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इंटरनेट तक पहुंच मानवाधिकार हो

Last Updated- December 15, 2022 | 1:26 AM IST

हममें से ज्यादातर लोगों के जीवन में पिछले छह महीने का समय सबसे खराब रहा है। लेकिन यह वह समय भी रहा है, जब लोगों, संगठनों और सरकारों ने तेजी से ढलना और नए हालात के साथ सामंजस्य बैठाना भी सीखा है। इस दौरान बहुत से नवप्रवर्तन हुए ताकि हमारी जिंदगी और कारोबार चलते रहें।  ऐसे में अगले छह महीने हमारे लिए कैसे रहेंगे? यह अनुमान नहीं बल्कि वांछित बदलावों और नवप्रवर्तनों की फेहरिस्त है। मुझे उम्मीद है कि इनसे कारोबारी अगुआओं, उद्यमियों, अफसरों और राजनेताओं को विचार मिलेंगे।
हमें उन प्रारंभिक देशों में से एक बनना चाहिए, जो इंटरनेट तक पहुंच को मानव अधिकार बनाएं। इसके बाद हमें प्रत्येक नागरिक को एक स्मार्टफोन खरीदने में सक्षम बनाना चाहिए। प्रत्येक गांव में किराये पर इस्तेमाल के लिए टैबलेट उपलब्ध कराई जानी चाहिए और पूरे भारत में 4जी इंटरनेट उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। हम 5जी पर पहुंचने वाले पहले देश बनें।  
सभी ऑनलाइन सेवाएं और ऐप्लिकेशन सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होनी चाहिए। टेक्स्ट या इंटरेक्टिव वॉयस रेस्पॉन्स सिस्टम्स के जरिये संवाद मुमकिन होना चाहिए। हमें एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली बनानी चाहिए ताकि नौकरी गंवाने वाले लोगों को दूसरा रोजगार मिलने तक या उनके अलग नौकरी के लिए नए कौशल हासिल करने तक उसमें कवर किया जा सके। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अर्थव्यवस्था में न्यूनतम गतिविधि बनी रहेगी, इसलिए यह तर्कसंगत होगा।
हमें कस्बों या शहरों को प्राथमिक निवास क्षेत्र घोषित करना चाहिए। ग्रामीण इलाके कृषि एवं वानिकी के लिए हैं। इन प्राथमिक निवास क्षेत्रों में गुणवत्तायुक्त नागरिक सेवाएं मुहैया कराई जा सकती हैं। भविष्य की पीढिय़ों के लिए शेष भूमि और पानी को प्रदूषित होने से रोका जाना चाहिए।
हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों को इस तरह से लागू करना चाहिए कि लोगों के पास कब, कहां और कितनी रफ्तार से शिक्षा हासिल करने के विकल्प रहें। वयस्क शिक्षा और छोटी डिग्रियों के विकल्प बढ़़ाए जाने चाहिए। स्वास्थ्य सेवाओं में 10गुना बढ़ोतरी होनी चाहिए ताकि सभी नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराई जा सकें। सेवाएं डिजिटल और फिजिकल मुहैया कराई जाएं ताकि नागरिक क्लीनिक या अस्पताल में तभी आएं, जब उन्हें जरूरत हो।
सभी नागरिकों के लिए न्यूनतम स्वास्थ्य बीमा कवर होना चाहिए और उन्हें स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। एक डिजिटल दुनिया में हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नागरिकों का अपने डेटा पर नियंत्रण हो और इस डेटा का इस्तेमाल उनके संगठनों या सरकारों को सहमति देने तक सीमित होना चाहिए।
लेखक इन्फोसिस के सह-संस्थापक और इतिहास रिसर्च ऐंड डिजिटल और एक्सिलोर वेंचर्स के चेयरमैन हैं। ये उनके निजी विचार हैं

First Published - September 23, 2020 | 12:29 AM IST

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