पटना में 15 विपक्षी दलों के 32 नेताओं ने एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती देने के लिए आज ताल ठोक दी। चार घंटे तक चली मैराथन बैठक में इन नेताओं ने साझा हितों पर तालमेल बिठाकर अगले लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने का संकल्प लिया। मगर आम आदमी पार्टी (आप) ने विपक्षी एकजुटता की इस पूरी कवायद पर यह कहकर सवाल खड़ा कर दिया कि जब तक कांग्रेस दिल्ली से संबंधित केंद्र के अध्यादेश पर अपना रुख साफ नहीं करती है तब तक आप उसकी मौजूदगी वाली किसी भी विपक्षी बैठक में शामिल नहीं होगी। बाद में केजरीवाल संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शामिल नहीं हुए और उनकी पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ तीखा बयान जारी किया।
बैठक में नेताओं ने कहा कि अपने दलों के खिलाफ केंद्र के किसी भी प्रतिशोध का एकजुट होकर विरोध करेंगे। जुलाई के दूसरे हफ्ते में शिमला में विपक्षी दलों की फिर बैठक होगी जिसमें आम एजेड़े पर चर्चा शुरू करने सहित भविष्य की रणनीति तय की जाएगी। कई नेताओं ने विपक्षी एकता के संकेत को मजबूत करते हुए सीटों पर अपने दावों का त्याग करके यह सुनिश्चित किया जाएगा कि व्यापक हित में भाजपा के खिलाफ एकजुट मुकाबला हो।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी विपक्षी एकता के बनाए रखने का हरसंभव प्रयास करेगी। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने केजरीवाल को अध्यादेश पर साथ देने के लिए कोई आश्वासन नहीं दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वह इस मसले पर मॉनसून सत्र से पहले विपक्ष की रणनीतिक बैठक में चर्चा करेंगे। खरगे ने आप के प्रवक्ता के उस बयान पर भी एतराज जताया जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस का भाजपा के साथ समझौता है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खरगे और केजरीवाल के मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस पर आगे विचार किया जाएगा। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने संकेत दिया कि वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठजोड़ का विकल्प खुला रख सकते हैं।
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नीतीश कुमार ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अच्छी मुलाकात हुई…एक साथ चुनाव लड़ने और सब तरह की सहमति हो गई है। एक बैठक और होगी, जिसमें सभी चीजों को अंतिम रूप दिया जाएगा।’
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने बैठक में भाग लिया। द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और अन्य नेता भी इस बैठक में शामिल हुए।