श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों में विकास की 33 परियोजनाओं के लिए भारत 237.1 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगा। इसकी घोषणा मंगलवार को की गई। कैबिनेट प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयथिस्सा ने संवाददाताओं को बताया कि कैबिनेट ने दोनों देशों के बीच सामाजिक-आर्थिक विकास और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के मकसद से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इस व्यवस्था के तहत भारत शिक्षा के लिए 31.5 करोड रुपए, स्वास्थ्य के लिए 78 करोड रुपए और कृषि के लिए 62 करोड रुपए उपलब्ध कराएगा। इन परियोजनाओं का उद्देश्य बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, विकास करना तथा स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना है।
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भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया था कि शिक्षा सहयोग के तहत, अगले वर्ष से याने 2025 से, जाफना और पूर्वी प्रान्त के विश्वविद्यालयों में 200 छात्रों को मासिक छात्रवृत्ति दी जाएगी। अगले पाँच वर्षों में श्रीलंका के 1500 civil servants को भारत में प्रशिक्षण दिया जाएगा। Sri Lanka में Unique Digital Identity प्रोजेक्ट के लिए भी भारत भागीदारी करेगा। Housing, renewable energy और infrastructure के साथ-साथ, श्रीलंका में कृषि, डेयरी और फिशरीज के विकास के लिए भी भारत सहयोग देगा।
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दोनों देशों के बीच electricity grid connectivity और multi-product petroleum pipeline स्थापित करने पर काम किया जायेगा। सामपुर सोलर पावर प्रोजेक्ट को गति दी जायेगी। साथ ही, श्रीलंका के पावर प्लांट्स के लिए LNG सप्लाई की जाएगी। भारत ने अब तक श्रीलंका को 5 बिलियन डॉलर की Lines of Credit और grant सहायता प्रदान की है। श्रीलंका के सभी 25 जिलों में भारत सहयोग कर रहा है माहो-अनुराधापुरम रेल सेक्शन के सिग्नलिंग सिस्टम, और कांकेसंथुराई Port के पुनरुद्धार के लिए grant सहायता दी जाएगी।
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