ब्रिटेन स्थित भारतीय दूतावास सेंट्रल लंदन में एक नया वीजा प्रॉसेसिंग केंद्र खोल रहा है और 1 नवंबर से ग्रुप टूर की सुविधा के लिए कदम उठा रहा है। शुक्रवार को एक वीडियो संदेश में उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने कहा, ‘वीएफएस में भागीदारों की वजह से अब अप्वाइंटमेंट्स की संख्या बढ़ाकर हम 40,000 तक ले जाने में सक्षम हुए हैं।’
उन्होंने कहा कि वीजा सुविधा केंद्र सेंट्रल लंदन में स्थापित किया जा रहा है, जिससे पहुंच बढ़ाई जा सके और जो लोग एक ही जगह एक ही उड़ान से साथ-साथ यात्रा करने को इच्छुक हैं, उनके लिए नई प्रक्रिया पेश की जाएगी। शुल्क भुगतान करके यात्रियों के पास दरवाजे पर सेवाएं लेने का भी विकल्प होगा।
शिकायतें आ रही थीं कि वीजा में देरी की वजह से यात्राएं रद्द करनी पड़ रही हैं, जिसे देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है। स्थानीय मीडिया में खबरें आ रही थीं कि कुछ केंद्रों पर नवंबर के मध्य तक वीजा के लिए बातचीत करने के लिए सभी स्लॉट भरे हुए हैं, जिससे ब्रिटिश नागरिकों को दिक्कत हो रही है।
यह भी शिकायत थी कि नियम में बदलाव के कारण आवेदक को व्यक्तिगत रूप से वीजा आवेदन केंद्र पर उपस्थित रहना अनिवार्य हो गया है और वे एजेंट की सेवा नहीं ले सकते हैं। हालांकि उच्चायोग ने नियम में किसी बदलाव से इनकार किया है। भारत में विदेशी यात्रियों के आने का एक बड़ा स्रोत ब्रिटेन है, लेकिन नागरिक ई-वीजा के पात्र नहीं हैं। 2021 में 1,60,000 से ज्यादा ब्रिटिश नागरिक भारत आए थे, जो पर्यटकों की कुल आवक का 10.75 प्रतिशत है। अमेरिका और बांग्लादेश के बाद ब्रिटेन के सबसे ज्यादा लोग भारत आते हैं।
अक्टूबर में इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ब्रिटेन व कनाडा के नागरिकों को ई-वीजा सुविधा बहाल करने की मांग की थी। आईएटीओ ने कहा, ‘ब्रिटेन व अन्य बाजारों के लिए ई-टूरिस्ट वीजा की अनुपलब्धता के कारण हम पर्यटकों का बड़ा कारोबार गंवा रहे हैं और अब इन देशों के पर्यटक अन्य देशों की यात्रा का विकल्प अपना रहे हैं।’
