अमेरिका, सऊदी अरब, भारत और अन्य देश रेलवे मार्ग से भारत को पश्चिम एशिया के देशों को जोड़ने के बारे में चर्चा कर रहे हैं। इस मामले के जानकार अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि इस क्रम में भारत के बंदरगाह से पश्चिम एशिया के देशों को जोड़ा जा सकता है। इससे खाड़ी देशों और दक्षिण पूर्व के बीच कारोबार बढ़ेगा।
इस बातचीत में संयुक्त अरब अमीरात और यूरोप को भी शामिल किया गया है। इस मामले के जानकार सूत्र ने बताया कि इस हफ्ते जी20 के नेताओं की बैठक के बाद इस रेल लाइन के बारे में स्पष्ट परिणाम निकलने की उम्मीद नहीं है। इस मामले के जानकार लोगों में से एक ने बताया कि यह बातचीत महीनों से जारी है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। संभावना यह भी है कि वे इस रेल मार्ग के बारे में सऊदी के शासक मोहम्मद बिन सलमान से भी बातचीत करें।
रेल से संबंधित यह योजना महत्त्वपूर्ण समय पर आगे बढ़ रही है और इस योजना में कई देशों के बंदरगाह जोड़े जा सकते हैं। यह चीन के बेल्ट और रोड परियोजना के जवाब में तैयार की जा रही है। इस क्रम में बाइडन जी-20 के विकासशील देशों के लिए अमेरिका को वैकल्पिक साझेदार व निवेशक के तौर पर पेश कर रहे हैं। जानकारी मिली है कि बाइडन प्रशासन मध्य पूर्व में व्यापक राजनयिक सौदा करना चाहता है। इस क्रम में सऊदी अरब को इस्राइल को मान्यता देनी होगी। बहु राष्ट्रों के बीच आधारभूत ढांचे के बारे में पहली जानकारी एक्सियोस ने दी थी।
अधिकारियों के अनुसार इस योजना के फलीभूत होने से राजनयिक प्रभावों से इतर भी प्रभाव आएंगे। इससे शिपिंग का समय घटेगा, लागत भी घटेगी। डीजल का उपयोग होने से कारोबार त्वरित व सस्ता होगा।