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ट्रंप का कहर: अमेरिका में 1,024 छात्रों के वीजा रद्द, भारत समेत कई देशों के छात्र प्रभावित; भारतीयों पर खास सख्ती

शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में 3,30,000 से अधिक भारतीय छात्रों ने अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लिया जो पिछले वर्ष के मुकाबले 23 फीसदी अधिक है।

Last Updated- April 18, 2025 | 10:56 PM IST
Donald Trump
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प

मार्च के आखिर से अब तक अमेरिका में 160 कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और संबंधित संस्थानों के करीब 1,024 छात्रों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं अथवा उनकी वैध स्थिति को खत्म कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के बयानों, स्कूल कर्मियों के साथ पत्राचार और अदालती रिकॉर्ड की एसोसिएटेड प्रेस (एपी) द्वारा की गई समीक्षा से यह खुलासा हुआ है।

अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (एआईएलए) ने गुरुवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उसने पूरे अमेरिका के वकीलों, छात्रों और विश्वविद्यालय कर्मियों की मदद से वीजा निरस्तीकरण और स्टूडेंट ऐंड एक्सचेंज विजिटर इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एसईवीआईएस) को खत्म किए जाने के 327 मामले जुटाए हैं।

एपी की रिपोर्ट में 1,024 छात्रों का देशवार ब्योरा नहीं दिया गया है। मगर एआईएलए द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, 327 छात्रों में से 50 फीसदी भारत से थे जबकि बाकी में से 14 फीसदी चीन से थे। इस आंकड़े में दर्शाए गए अन्य प्रमुख देशों में दक्षिण कोरिया, नेपाल और बांग्लादेश शामिल हैं।

एआईएलए ने एक बयान में कहा, ‘विभाग (डीओएस) और इमिग्रेशन ऐंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीई) आक्रामक रूप से अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर निशाना साध रहे हैं। उनमें ऐसे छात्र भी शामिल हैं जिनका विरोध का कोई इतिहास नहीं है। मगर उनके वीजा को निरस्त किया जा रहा है और उनकी वैध स्थिति को खत्म करते हुए निष्कासित किया जा रहा है।’

बयान में कहा गया है, ‘इन खबरों के आधार पर इतना तो बिलकुल स्पष्ट है कि आगे मनमाने ढंग से वीजा को निरस्त करने एवं एसईवीआईएस रिकॉर्ड को खत्म करने को रोकने के लिए पारदर्शिता, निगरानी और जवाबदेही की आवश्यकता है। आखिरकार छात्रों के लिए एसईवीआईएस को खत्म किए जाने के खिलाफ अपील करने के लिए कोई व्यवस्था होनी चाहिए।’

अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मार्गरेट मैकलॉयड ने वर्चुअल माध्यम से पीटीआई के साथ बातचीत में कहा कि ट्रंप प्रशासन राष्ट्रीयता कानून एवं विदेशी पंजीकरण कानून सहित आव्रजन कानूनों को सख्ती से लागू कर रहा है।’ उन्होंने विभिन्न अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की समस्याओं के बारे में कहा, ‘अगर आप कानून का पालन करते हैं तो अमेरिका अवसर प्रदान करता है। मगर जो लोग कानून का उल्लंघन करते हैं उन्हें परिणाम भुगतने पड़ेंगे।’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को अपने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘हमें पता है कि अमेरिकी सरकार ने कई भारतीय छात्रों को उनके एफ-1 वीजा के बारे में सूचित किया है जो कि छात्र वीजा है। हम इस मामले पर गौर कर रहे हैं। हमारे दूतावास और वाणिज्य दूतावास छात्रों को सहायता प्रदान करने के लिए उनके संपर्क में हैं।’ मैकलॉयड ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों से स्वेच्छा से अपने देश लौट जाने का आग्रह किया। उनमें भारतीय परिवारों के रिश्तेदार भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘अपने देश लौटने का अभी भी अवसर है।’ उन्होंने इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी से संपर्क करने अथवा सीबीपी ऐप की मदद लेने का निर्देश दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जो लोग अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कर गए हैं, वे सख्त प्रवर्तन उपायों से बचने के लिए स्वेच्छा से चले जाएंगे।

शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में 3,30,000 से अधिक भारतीय छात्रों ने अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लिया जो पिछले वर्ष के मुकाबले 23 फीसदी अधिक है। इस आंकड़े ने भारत को अमेरिका में सबसे अधिक छात्रों वाला देश बना दिया। मगर खबरों के अनुसार, भारतीय छात्रों को जारी किए गए वीजा की संख्या फरवरी में 30 फीसदी कम हो गई।  अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा के बारे में अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि वह जयपुर और आगरा की अपनी निजी यात्रा से पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। मैकलॉयड ने कहा, ‘वे दोनों देशों के लिए महत्त्वपूर्ण सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे।’ वाशिंगटन से एपी की इस खबर के अनुसार, हालिया सप्ताहों के दौरान जिन 1,024 छात्रों के वीजा या वैध स्थिति को रद्द कर दिया गया है, उनमें से कई ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ याचिका दायर की है। याचिका में दलील दी गई है कि सरकार ने उन्हें उचित प्रक्रिया से वंचित करते हुए अचानक अमेरिका में रहने की अनुमति वापस ले ली है।

छात्रों की वैध स्थिति को समाप्त करने के लिए संघीय सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई के कारण सैकड़ों स्कॉलर को हिरासत में लिए जाने और निर्वासित किए जाने के जोखिम बढ़ गया है। खबर में यह भी कहा गया है कि इन शिक्षा संस्थानों में हार्वर्ड और स्टैनफर्ड जैसे निजी विश्वविद्यालयों से लेकर मैरीलैंड यूनिवर्सिटी एवं ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी जैसे बड़े सार्वजनिक संस्थान तक शामिल हैं।

खबर के अनुसार, डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के खिलाफ दायर याचिका में छात्रों ने तर्क दिया है कि सरकार के पास उनका वीजा रद्द करने या उनकी वैध स्थिति को समाप्त करने का कोई औचित्य नहीं है।

अमेरिका में वीजा कई कारणों से रद्द किया जा सकता है, लेकिन कॉलेजों का कहना है कि कुछ छात्रों को ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन जैसे मामूली मामलों में निशाना बनाया जा रहा है। कुछ मामलों में तो छात्रों को यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें क्यों निशाना बनाया गया है।

कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक्स पर जारी एक पोस्ट में एआईएलए के आंकड़े को साझा करते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीजा निरस्त किए जाने के जुटाए गए 327 मामलों में से 50 फीसदी भारतीय छात्रों के हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि उनके वीजा को क्यों निरस्त कर दिया गया है। इससे छात्रों में भय एवं आशंका बढ़ रही है।   

First Published - April 18, 2025 | 10:47 PM IST

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