नीदरलैंड में माइग्रेशन के मुद्दे पर चार दलों के गठबंधन में परस्पर मतभेद के कारण सरकार गिर गई है और प्रधानमंत्री मार्क रट (Mark Rutte) इस्तीफा सौंपने के लिए राजा के पास जा रहे हैं। देश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे रट के शुक्रवार को इस्तीफा देने से देश में इस साल अब आम चुनाव होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
रट और उनके नेतृत्व वाली सरकार नई सरकार बनने तक कामकाज संभालेगी। राजा विलेम-अलेक्जेंडर (Willem-Alexander) शनिवार को रट से मिलने के लिए यूनान से वापस लौट आये थे। अलेक्जेंडर परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिए यूनान गये हुए थे।
रट ने हेग में पत्रकारों से कहा, ‘आव्रजन (migration) की नीति पर गठबंधन सहयोगियों के बीच मतभेद कोई छिपी हुई बात नहीं है। आज दुर्भाग्य से हम इसी नतीजे पर पहुंचे कि ये मतभेद परस्पर विरोधी हैं। इसलिए मैंने तुरंत महाराजा को पत्र लिखकर समूची कैबिनेट के इस्तीफे की पेशकश की।’
विपक्षी दलों के सांसदों ने भी बिना समय गंवाए नए चुनावों की मांग की। यहां तक कि उन्होंने रट के औपचारिक इस्तीफे का इंतजार भी नहीं किया।
आव्रजन विरोधी ‘पार्टी फॉर फ्रीडम’ के नेता गीर्ट विल्डर्स (Geert Wilders) ने ट्वीट किया, ‘‘जल्द चुनाव हों।’’
‘ग्रीन लेफ्ट’ पार्टी के नेता जेस्सी क्लावेर ने भी चुनाव का आह्वान किया और नीदरलैंड के प्रसारक ‘NOS’ से कहा, ‘‘इस देश को बदलाव की जरूरत है।’’
रट ने बुधवार और गुरुवार देर रात तक बैठकें कीं लेकिन आव्रजन नीति पर कोई नतीजा नहीं निकल सका। शुक्रवार शाम को अंतिम दौर की वार्ता में पार्टियों ने एक स्वर में कहा कि वे सहमत नहीं हैं और गठबंधन में नहीं रह सकती हैं।