वर्ष 2024 वैश्विक भू-राजनीतिक नक्शे के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण वर्ष हो सकता है क्योंकि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत और अमेरिका में चुनाव होने वाले हैं जिसमें यह तय होगा कि इन देशों पर किसको शासन के लिए चुना गया। पिछले चुनाव की तरह ही इस बार भी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल की उम्मीदवार शामिल होंगी।
रिपब्लिकन निमरत निकी हेली (रंधावा) ने मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा कर दी है। इसके साथ ही वह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस की दावेदारी में चुनौती देने वाली पहली रिपब्लिकन बन गईं।
ट्रंप 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। इससे पहले बॉबी जिंदल और तुलसी गबार्ड जैसी भारतीय-अमेरिकी भी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल रहे हैं।
दक्षिण कैरोलाइना की पूर्व गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत हेली ने अपनी पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए खुद को ‘भारतीय प्रवासियों की गौरवशाली बेटी’ कहते हुए यह संदेश दिया कि अमेरिका में नई पीढ़ी के नेतृत्व का समय आ गया है। उनके माता-पिता, अजित सिंह और राज कौर रंधावा, अमृतसर, पंजाब से कनाडा और फिर अमेरिका चले गए।
हेली के पिता लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रह चुके हैं जबकि उनकी मां ने दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई की है। अजित सिंह को ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय से छात्रवृत्ति मिलने के बाद उनके माता-पिता कनाडा चले गए और 1969 में पीएचडी की डिग्री हासिल करने के बाद वह अपने परिवार के साथ दक्षिण कैरोलाइना चले गए।
हेली ने क्लेम्सन यूनिवर्सिटी से स्नातक तक की पढ़ाई पूरी की और एक कचरा रीसाइक्लिंग कंपनी के लिए काम करने के बाद, वह अपने परिवार के कपड़ों के कारोबार से मुख्य वित्तीय अधिकारी के तौर पर जुड़ गईं। उनके पति, विलियम माइकल हेली, साउथ कैरोलाइना आर्मी नैशनल गार्ड में एक कमीशन अधिकारी हैं।
हेली वर्ष 1998 में राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हुईं और उन्होंने 2004 में साउथ कैरोलाइना हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के लिए चुनाव लड़ा। उन्होंने एक मजबूत सत्ताधारी नेता को हराया और वर्ष 2010 तक तीन बार इस पद पर फिर से चुनी गईं जब उन्होंने गर्वनर के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया।
वर्ष 2010 में, वह साउथ कैरोलाइना में उस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला बनीं और अमेरिका में प्रांत गवर्नर के रूप में सेवा करने वाली भारतीय मूल की दूसरी व्यक्ति बनीं। रिपब्लिकन बॉबी जिंदल, पहले भारतीय मूल के व्यक्ति थे।
हेली रिपब्लिकन पार्टी के भीतर एक रूढ़िवादी व्यक्ति के तौर पर मशहूर हैं और उनमें विश्वसनीय तरीके से औरतों और जाति के मुद्दों पर काम करने की बेहतर क्षमता है। उनके प्राथमिक चुनाव मंचों में शिक्षा, कर सुधार, गर्भपात के अधिकार और आव्रजन जैसे मुद्दे शामिल रहे हैं। एक कट्टर रूढ़िवादी के रूप में, उन्होंने कड़े आव्रजन कानूनों पर जोर दिया।
उन्होंने एक ऐसे कानून के पक्ष में मतदान किया जिसमें सभी आप्रवासियों को हर वक्त अपना पहचान दस्तावेज रखने की आवश्यकता होगी जो हर समय उनकी कानूनी स्थिति की जानकारी देता है।
जून 2022 में हेली ने फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसैंटिस के तथाकथित ‘डोंट से गे’ अभियान का भी समर्थन किया जो उस कानून के खिलाफ था जिसमें फ्लोरिडा के स्कूलों में कुछ वर्ग में यौन अभिरुचि या लैंगिक पहचान से जुड़ी चर्चा को कक्षा में प्रतिबंधिक कर दिया गया था। ऐसी उम्मीद है कि वह अहम जातीय सिद्धांत पर भी प्रतिबंध लगाने का समर्थन कर सकती हैं।
हेली ने खुद को जीवन समर्थक बताते हुए गर्भपात को प्रतिबंधित करने के लिए कानून का समर्थन किया है। वर्ष 2016 में एक ईसाई स्कूल में जाने पर उन्होंने अपने रुख का बचाव करते हुए कहा, ‘मैं जीवन-समर्थक इसलिए नहीं हूं कि रिपब्लिकन पार्टी मुझे ऐसा बताती है बल्कि मैं जीवन-समर्थक इसलिए हूं क्योंकि हम सभी को अनुभव है कि हमारे जीवन में इन विशेष छोटे बच्चों के होने का क्या मतलब है।’
उन्होंने वर्ष 2016 में साउथ कैरोलाइना के गवर्नर के रूप में एक कानून पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत गर्भावस्था के 19 हफ्ते के बाद अधिकांश परिस्थितियों में गर्भापात पर प्रतिबंध लगा दिया, जब तक कि मां का जीवन जोखिम में न हो। जून 2022 में रो बनाम वेड के मामले में फैसले को पलटने का निर्णय जब सुप्रीम कोर्ट ने लिया तब हेली ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस फैसले पर अपनी खुशी भी जाहिर की।
राजकोषीय नीति
मुख्यधारा की रूढ़िवादी रिपब्लिकन के रूप में, हेली कारोबार समर्थक हैं और उनकी दिलचस्पी व्यापार के विनियमन में है और वह कारोबार को समर्थन देने के लिए करों में कटौती का समर्थन भी करती हैं। अमेरिकी मीडिया के विशेषज्ञों का मानना है कि वह एक नीति-केंद्रित अभियान चला सकती हैं।
गवर्नर के रूप में उनके नेतृत्व में, साउथ कैरोलाइना में 85,000 से अधिक नई नौकरियों और 21.5 अरब डॉलर के पूंजी निवेश की घोषणा की गई। उन्होंने कारोबारों को एक खुला निमंत्रण भी भेजा था जिसमें जोर देकर कहा गया था कि वहां कारोबार करने की लागत कम होगी।
विदेश नीति
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के पूर्व राजदूत के तौर पर वह वैश्विक स्तर पर चीन और उससे जुड़े अमेरिका के खतरों को लेकर काफी मुखर रही हैं और इसके अलावा वह देश के मानवाधिकारों के हनन की भी आलोचना करती रही हैं। मंगलवार के प्रचार वीडियो में हेली ने चीन पर उइगर मुस्लिम आबादी के साथ हुए बर्ताव के लिए देश पर ‘नरसंहार’ करने का आरोप लगाया और कहा कि चीन और रूस अमेरिका के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं।
उनके कार्यकाल के दौरान ही अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया, जिस पर डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हस्ताक्षर किए थे और रिपब्लिकन के बीच बेहद अलोकप्रिय हो गए थे।
हेली बनाम ट्रंप
कभी ट्रंप की समर्थक रहीं हेली ने वर्ष 2021 में अमेरिकी संसद पर हमले के बाद उनकी आलोचना की थी। उन्होंने विपक्षी दल डेमोक्रेट से निपटने के दौरान ट्रंप और अन्य रिपब्लिकन रूढ़िवादी नेताओं के टकराव वाले नजरिये को भी खारिज कर दिया है।
उन्होंने पिछले साल जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में हाई स्कूल लीडरशिप समिट में हाई स्कूल के छात्रों के एक कॉन्जर्वेटिव कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘वास्तविक नेतृत्व वास्तव में मुद्दों से लगातार जुड़े रहने और आंदोलन जैसी प्रकृति को दर्शाता है और इसमें यह बात भी शामिल है कि आप कैसे लोगों को अपने दृष्टिकोण से वाकिफ करा रहे हैं। आप चीखकर नहीं बल्कि यह दिखाकर बता सकते हैं कि आप जो कुछ भी कर रहे हैं वह कैसे उनके हित में है।’
हालांकि, हेली के पास फिलहाल राष्ट्रपति पद के शुरुआती चरण में पूर्व राष्ट्रपति की तरह राष्ट्रीय मान्यता और समर्थन भी नहीं है। मंगलवार को जब उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए अपने अभियान की घोषणा की उसके तुरंत बाद, एक गुमनाम सोशल मीडिया अकाउंट पैट्रियट टेक ने एक फुटेज जारी किया जिसमें पूर्व गवर्नर यह कह रही थीं कि राज्यों को संघ से अलग होने का अधिकार है। इससे उनकी संभावनाओं में बाधा आ सकती है।