बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा दुनिया के कई देशों पर टैरिफ की घोषणा के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसके आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए दो समितियां बनाई है। यह बात वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने शनिवार को मीडिया से कही। इन दो समितियों में पहली एक स्टीयरिंग कमेटी है, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री खुद करेंगे और इसमें मंत्री, प्रमुख व्यापारी नेता, सचिव और शिक्षाविद शामिल होंगे, जबकि दूसरी एक वर्किंग ग्रुप है, जिसका नेतृत्व वाणिज्य सचिव करेंगे।
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “आपको कभी भी एक अच्छे संकट को बर्बाद नहीं करना चाहिए। यह स्थिति तत्काल चुनौतियां लाती हैं, लेकिन यह बातचीत और लंबे समय तक जुड़ाव के लिए दरवाजे भी खोलेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा अमेरिकी प्रशासन के सामने एक अच्छी तरह से तैयार पैकेज पेश करने का है और सिफारिशें आने वाले दिनों में अंतिम रूप लेने की उम्मीद है और प्रधानमंत्री के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि इसके बाद, एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन जाएगा ताकि पाकिस्तान का पक्ष रख सके और अमेरिकी अधिकारियों के साथ आगे की बातचीत कर सके। मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है और उम्मीद करता है कि 9 अप्रैल की टैरिफ लागू होने की समय सीमा से पहले रणनीतिक चर्चाओं के माध्यम से रिश्ते को मजबूत करेगा।
ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान से आयात पर 29 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगाया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे देश को नुकसान हो सकता है क्योंकि अमेरिका उसका सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बना हुआ है।
औरंगजेब ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अपनी बात रखने के दौरान हम यह बताएं कि मध्यम से लंबी अवधि में यह पाकिस्तान और अमेरिका दोनों के लिए कैसे फायदेमंद स्थिति होगी। पाकिस्तान के स्टेट बैंक के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान अमेरिका को कुल निर्यात 5.44 बिलियन डॉलर रहा।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि देश ने मैक्रोइकॉनॉमिक्स स्टेबिलिटी हासिल कर ली है और उसे निर्यात और उत्पादकता आधारित विकास की जरूरत है ताकि टिकाऊ विकास हो सके। पाकिस्तान ने मैक्रोइकॉनॉमिक्स स्टेबिलिटी हासिल कर ली है। हम इस मौके को गंवा नहीं सकते और अर्थव्यवस्था के DNA को बदलना होगा।
वित्त मंत्री ने संतोष जताया कि ऑटो सेक्टर ने पिछले दो महीनों में कारों का निर्यात शुरू किया है, यह उल्लेख करते हुए कि पिछले महीने मुद्रास्फीति 0.7 प्रतिशत तक कम हो गई, जो छह दशकों में सबसे कम है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि कम मुद्रास्फीति दर का फायदा आम आदमी तक पहुंचे।