facebookmetapixel
Dividend Stocks: टायर बनाने वाली मशहूर कंपनी निवेशकों को देगी 30% डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट इसी हफ्तेकहीं निवेश करने की सोच रहे हैं? RBI के ‘सचेत’ पोर्टल पर पहले करें वेरिफाई, नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान35% का तगड़ा डिविडेंड! सरकारी तेल कंपनी का निवेशकों को बड़ा तोहफा, रिकॉर्ड डेट इसी हफ्तेAI क्रांति के बीच पहला बड़ा झटका! कौन है फेल होने वाला स्टारटअप?Upcoming IPOs This Week: इस हफ्ते दो IPO खुलने से बाजार में बढ़ेगी हलचल, वहीं सात कंपनियों की होगी लिस्टिंगMarket Outlook: इस हफ्ते बाजार की चाल तय करेंगे PMI डेटा और US-India की ट्रेड बातचीतक्या घरेलू मैदान पर अब फायदा नहीं मिल रहा है? भारत को पिछले छह टेस्ट मैचों में से चार में मिली हारNTPC का बड़ा दांव, देशभर में लगेंगी 700 से 1,600 MW की न्यूक्लियर इकाइयांDelhi Blast: रेड फोर्ट धमाके के बाद लाल किला मेट्रो स्टेशन हुआ फिर से चालूCoal Import: त्योहारी सीजन से पहले कोयले का आयात बढ़ा, 13.5% की छलांग

सूडान, यूक्रेन संकट के कारण करीब 11 करोड़ लोग विस्थापित हुए, विश्व में रिफ्यूजी क्राइसिस बढ़ा : UN

पिछले साल करीब 1.9 करोड़ लोग विस्थापित हुए, जिनमें से 1.1 करोड़ से अधिक लोगों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण अपना घर छोड़ा।

Last Updated- June 14, 2023 | 12:22 PM IST
United Nations

संयुक्त राष्ट्र में शरणार्थियों के मामलों से जुड़े उच्चायुक्त ने कहा कि संघर्ष, उत्पीड़न और मानवाधिकारों के उल्लंघन के कारण करीब 11 करोड़ लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। वर्ष 2022 के लिए ‘यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी’ (यूएनएचसीआर) की ‘ग्लोबल ट्रेंड्स रिपोर्ट’ को बुधवार को जारी करने से पहले जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फिलिपो ग्रैंडी ने कहा, ‘‘यह हमारे विश्व की स्थिति पर एक कलंक है।’’

पिछले साल करीब 1.9 करोड़ लोग विस्थापित हुए, जिनमें से 1.1 करोड़ से अधिक लोगों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण अपना घर छोड़ा। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोग जंग के कारण विस्थापित हुए।

ग्रैंडी ने कहा, ‘‘हम लगातार आपात स्थिति का सामना कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि पिछले साल 35 आपात स्थितियां सामने आईं, जो पिछले कुछ वर्षों की तुलना में तीन से चार गुना अधिक हैं।

ग्रैंडी ने कहा, ‘‘इनमें से कुछ ही मीडिया में सुर्खियां बंटोर पाईं।’’ ग्रैंडी ने तर्क दिया कि सूडान से पश्चिमी नागरिकों को निकाले जाने के बाद वहां हो रहे संघर्ष की खबर अधिकतर अखबारों से गायब रही। सूडान में संघर्ष के कारण अप्रैल के बाद से करीब 20 लाख विस्थापित हुए हैं।

वहीं, कांगो गणराज्य, इथोपिया और म्यांमा में संघर्ष के कारण करीब 10-10 लाख लोगों को घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। ग्रैंडी ने हालांकि इस तथ्य को सकारात्मक बताया कि 2022 में पुनर्वासित शरणार्थियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी होकर 1,14,000 पर पहुंच गई। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि यह संख्य ‘‘अब भी समुद्र में एक बूंद के बराबर है।’’

First Published - June 14, 2023 | 12:22 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट