अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफ से आशंकित और अपने उत्पादों के लिए अमेरिका से परे बाजारों की तलाश कर रहे भारत और ब्राजील द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के उद्देश्य से लगभग आधा दर्जन समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं। इन समझौतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के साथ होने वाली बैठक में मुहर लगेगी।
लैटिन अमेरिका के किसी भी अन्य देश के साथ भारत इतना व्यापार नहीं करता है जितना वह ब्राजील के साथ करता है। लेकिन, यह ब्राजील के चीन, अमेरिका, अर्जेंटीना और जर्मनी के साथ होने वाले व्यापार की तुलना में बहुत कम है। भारत-ब्राजील का द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 16.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया था और तेल एवं गैस की कीमतों में गिरावट के बाद अब यह लगभग 12.2 अरब डॉलर के स्तर पर है।
भारत को अपने कुल व्यापार में ब्राजील पर बढ़त हासिल है। वह ब्राजील को 6.7 अरब डॉलर मूल्य के सामान का निर्यात करता है और 5.4 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुएं वहां से मंगाता है। मोदी और लूला ने पिछले साल नवंबर में अपनी पिछली बैठक के दौरान 20 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। ब्राजील अभी भारत को चीनी और कच्चे तेल का अधिक निर्यात करता है। लेकिन वह भारत को किए जाने वाले कुल निर्यात में विविधता लाने पर जोर दे रहा है। इस साल की शुरुआत में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी विमान निर्माता कंपनी ब्राजील की एम्ब्रायर एसए ने भारत में एक सहायक कंपनी स्थापित की है। ब्राजील भारत में अपने कृषि और डेरी उत्पादों के लिए भी बाजार तलाश रहा है।
हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान लूला ने देखा कि कट्टर हिंदू मोदी मांस नहीं खाते हैं। ब्राजील दुनिया का सबसे बड़ा बीफ निर्यातक है। लूला ने कहा, ‘हमारे व्यापारिक संबंध केवल 12 अरब डॉलर के हैं, यह कुछ भी नहीं है। कृपया, पनीर का एक डिब्बा व्यवस्थित करें। मैं इसे मेज पर देखना चाहता हूं ताकि मोदी कभी भी ब्राज़ीलियाई भोजन के बारे में शिकायत न करें और, कौन जानता है, शायद वह इसे खरीदना भी शुरू कर दें।’
ब्रासीलिया में मंगलवार शाम प्रधानमंत्री मोदी से द्विपक्षीय बैठक करने से कुछ घंटे पहले लूला ने अपने दक्षिण अफ्रीकी समकक्ष सिरिल रामाफोसा के साथ मिलकर ब्रिक्स सदस्य देशों के खिलाफ अतिरिक्त टैरिफ लगाने की ट्रंप की धमकी की आलोचना की। ब्राजील द्वारा आयोजित दो दिवसीय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन लूला ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति सोशल मीडिया पर टैरिफ की धमकी देने जैसा गैर-जिम्मेदार रवैया अपना रहे हैं।’ उन्होंने विश्व नेताओं से डॉलर पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की निर्भरता कम करने के तरीके खोजने का भी आवाह्न किया।
इससे पहले, दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामाफोसा ब्रिक्स नेताओं में ट्रंप की टिप्पणियों की आलोचना करने वाले पहले व्यक्ति थे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स सदस्यों को ‘अमेरिका विरोधी’ नीतियां अपनाने के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ की चेतावनी दी थी।
अपने रियो डी जनेरियो घोषणा में ब्रिक्स सदस्यों ने जहां अमेरिकी टैरिफ पर गंभीर चिंता व्यक्त की वहीं रक्षा खर्च में भारी वृद्धि की आलोचना और ईरान पर हवाई हमलों की निंदा की, लेकिन समूह ने घोषणा में अमेरिका का उल्लेख नहीं किया। समूह ने अपने वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों को ब्रिक्स सीमा-पार भुगतान पहल पर चर्चा जारी रखने का काम भी सौंपा, और ब्रिक्स भुगतान प्रणाली की अधिक अंतर-संचालन क्षमता की संभावना पर चर्चा जारी रखने का समर्थन करने के लिए संभावित मार्गों की पहचान करने में ब्रिक्स भुगतान कार्य बल द्वारा की गई प्रगति की सराहना की। यह प्रयास अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को कम करना है।
ब्राजील भारत को तिल का निर्यात भी बढ़ाना चाहता है। ब्राजील के लिए 2020 में भारतीय बाजार खुलने के बाद से इसमें काफी इजाफा हुआ है। यह एथनॉल निर्यात का विस्तार करने पर भी ध्यान दे रहा है। ब्रासीलिया में दोनों देशों से अक्षय ऊर्जा, आतंकवाद का मुकाबला करने, कृषि अनुसंधान पर सहयोग और गोपनीय जानकारी की रक्षा के लिए तंत्र विकसित करने पर समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।