BRICS Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि ब्रिक्स आर्थिक सहयोग और वैश्विक कल्याण के लिए एक बड़ी ताकत बना हुआ है। ब्रिक्स समूह के सदस्य देशों के कई शीर्ष नेता शिखर सम्मलेन के लिए ब्राजील के समुद्र तटीय शहर रियो डी जेनेरियो में एकत्र हुए हैं। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया। सम्मेलन का आयोजन समूह के वर्तमान अध्यक्ष ब्राजील ने किया है। ब्रिक्स एक प्रभावशाली समूह के रूप में उभरा है। इसमें दुनिया की 11 प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश शामिल हैं। मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से मिलकर बने ब्रिक्स का 2024 में विस्तार किया गया, जिसके तहत मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को समूह में शामिल किया गया। इंडोनेशिया 2025 में ब्रिक्स में शामिल हुआ।
मोदी पांच देशों के दौरे के चौथे चरण में कल रात यहां पहुंचे थे। इससे पहले वह घाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो और अर्जेंटीना का दौरा कर चुके हैं। पश्चिम एशिया की स्थिति, रूस-यूक्रेन संघर्ष और ‘ग्लोबल साउथ’ के सामने आने वाली चुनौतियों पर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रमुखता से चर्चा होने की उम्मीद है। ब्राजील के राष्ट्रपति की ओर से शिखर सम्मेलन स्थल पर स्वागत किए जाने के बाद मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘रियो डी जेनेरियो में इस वर्ष के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए राष्ट्रपति लूला का आभारी हूं। ब्रिक्स आर्थिक सहयोग और वैश्विक कल्याण के लिए एक बड़ी ताकत बना हुआ है।’
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इजरायल के ईरान पर हमले, गाजा में मानवीय संकट और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के व्यापार टैरिफ जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। हालांकि समूह के सभी सदस्य इन विषयों पर एकमत दिखाई नहीं दे रहे हैं। उदाहरण के लिए ईरान-इजरायल संघर्ष पर भारत का नपा-तुला रुख है और वह स्थिति पर बराबर नजर बनाए हुए है।
सूत्रों ने कहा कि कुछ अन्य सदस्य देश गाजा के हालात और इजरायल के ईरान पर हमले पर अधिक आक्रामक रुख चाहते हैं। भारत और ब्राजील दोनों ही अमेरिकी टैरिफ के संभावित प्रभावों के प्रति चिंतित हैं। मालूम हो कि ट्रंप ने उन देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है, जो उनके मुताबिक डॉलर को कमजोर करने के लिए कोई दूसरा कदम उठाते हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में शनिवार को कहा गया है कि अमेरिका द्वारा एकतरफा टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों पर ब्रिक्स नेताओं ने गंभीर चिंता व्यक्त करने पर सहमति व्यक्त की है। ये टैरिफ व्यापार को बुरी तरह प्रभावित करने वाले हैं।
पांच देशों की आठ दिवसीय यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार शाम को अर्जेंटीना की अपनी द्विपक्षीय यात्रा पूरी की। बीते 57 वर्षों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने अर्जेंटीना का दौरा किया है। मोदी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए, जिसमें महत्त्वपूर्ण खनिज, तेल और गैस, रक्षा, परमाणु ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और अंतरिक्ष शामिल हैं।
मोदी ने दोनों देशों के बीच व्यापार में विविधता लाने पर जोर दिया। अधिकारियों ने कहा कि इस संदर्भ में दोनों ने भारत-मर्कोसुर प्रेफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट (पीटीए) के विस्तार पर चर्चा की। ब्यूनस आयर्स में विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) पी कुमारन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-मर्कोसुर पीटीए के विस्तार में अर्जेंटीना के समर्थन का अनुरोध किया। पीटीए का उद्देश्य भारत और मर्कोसुर ब्लॉक के बीच इकनॉमिक संबंधों का विस्तार करना है, जिसमें अर्जेंटीना, ब्राजील, पैराग्वे और उरुग्वे शामिल हैं शनिवार को त्रिनिदाद ऐंड टोबैगो की पीएम की यात्रा के समापन पर दोनों पक्षों ने कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें इंडियन फार्माकोपिया पर अधिक सहयोग के लिए समझौता भी शामिल है। मोदी ने त्रिनिदाद ऐंड टोबैगो में भारतीय डायस्पोरा सदस्यों की छठी पीढ़ी तक ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया या ओसीआई कार्ड सुविधा के विस्तार की घोषणा की।