इजरायल ने शुक्रवार सुबह ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई अहम ठिकानों पर हवाई हमला किया। बताया जा रहा है कि ये हमले ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर किए गए हैं। इस हमले से दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका और बढ़ गई है।
ईरान के कई शहरों में धमाकों की आवाज सुनी गई। खासतौर पर नतांज़ स्थित देश की मुख्य परमाणु संवर्धन इकाई से काले धुएं का गुबार उठता दिखा। यह हमला 1980 के दशक में इराक के साथ हुए युद्ध के बाद ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
ईरानी सरकारी टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान की अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी (IRGC chief Hossein Salami) की मौत की खबर सामने आई है। उनकी मौत को ईरान की मौजूदा सत्ता के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। साथ ही यह दोनों देशों के लंबे समय से चले आ रहे टकराव में एक नए और खतरनाक मोड़ का संकेत है।
इसके अलावा कई शीर्ष सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने की भी आशंका जताई जा रही है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
ईरान के तेजी से आगे बढ़ते परमाणु कार्यक्रम के बीच इज़राइल द्वारा किए गए हमलों ने पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ा दिया है। इन हमलों के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इज़राइल को “कड़ी सजा” देने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इस हमले का जवाब जरूर दिया जाएगा।
वॉशिंगटन में अमेरिका की ट्रंप सरकार ने इस हमले में किसी भी प्रकार की भागीदारी से इनकार किया है। अमेरिकी प्रशासन ने साफ किया कि वह पहले ही इज़राइल को बातचीत के दौर में हमले से बचने की सलाह दे चुका था। साथ ही अमेरिका ने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी तरह की जवाबी कार्रवाई में उसके हितों या कर्मचारियों को निशाना न बनाया जाए।
उधर, इज़राइली नेतृत्व ने इस हमले को राष्ट्र की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया है। उनका कहना है कि यह हमला ईरान द्वारा परमाणु बम बनाने की योजना को रोकने के लिए जरूरी था। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि ईरान वास्तव में कितनी तेजी से परमाणु हथियारों के करीब पहुंच चुका है और क्या वह निकट भविष्य में कोई हमला करने वाला था या नहीं।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी IRNA के मुताबिक, यह हमला रिहायशी इलाकों पर भी हुआ है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामनेई ने इसे ‘खूनी अपराध’ बताते हुए कहा कि “इज़राइल ने एक बार फिर अपनी दुष्ट प्रवृत्ति उजागर कर दी है।”
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस ऑपरेशन को सही ठहराते हुए कहा कि यह हमला जरूरी था। उन्होंने कहा, “यह खतरा इज़राइल के अस्तित्व के लिए सीधा और गंभीर है। कार्रवाई कब तक चलेगी, कहना मुश्किल है। यह कुछ महीनों में भी खत्म हो सकती है या एक साल तक भी चल सकती है।”
इज़राइल की तरफ से दावा किया गया है कि यह हमला ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया। इनमें ईरान की यूरेनियम संवर्धन सुविधा ‘नतांज़’ भी शामिल है।
इज़राइल के हमले में ईरान के उन अधिकारियों को भी निशाना बनाया गया जो उसके परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम से जुड़े थे। बताया जा रहा है कि इज़राइल के लड़ाकू विमानों ने पुराने एयर-टु-एयर रिफ्यूलर्स की मदद से यह हमला किया। हालांकि यह साफ नहीं है कि इज़राइली विमान ईरानी सीमा में दाखिल हुए या दूर से स्टैंडऑफ मिसाइलें दागीं। इस दौरान इराक में भी लोगों ने लड़ाकू विमानों की आवाजें सुनीं। इससे पहले भी इज़राइल ने इराक की सीमा से ईरान पर हमला किया था।
इस ऑपरेशन को लेकर इज़राइल में व्यापक समर्थन है। यहां तक कि नेतन्याहू के आलोचक और विपक्ष के नेता यायर लैपिड ने भी ईरान के खिलाफ इस अभियान का समर्थन किया है। हालांकि, अगर ईरान जवाबी कार्रवाई करता है और इज़राइल को भारी नुकसान होता है, तो जनमत नेतन्याहू के खिलाफ जा सकता है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि इज़रायल के हमले में ईरान के नतान्ज स्थित यूरेनियम संवर्धन केंद्र को निशाना बनाया गया है। IAEA प्रमुख राफेल ग्रोसी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि, “एजेंसी ईरान में हालात पर करीबी नजर रख रही है। हम ईरानी अधिकारियों से रेडिएशन स्तर को लेकर संपर्क में हैं और देश में मौजूद अपने निरीक्षकों से भी लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।”
इस पूरे घटनाक्रम के बीच भारत ने ईरान में रह रहे अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने एक्स पर लिखा, “ईरान में मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों से अनुरोध है कि सतर्क रहें, गैर-ज़रूरी आवाजाही से बचें, दूतावास के सोशल मीडिया अकाउंट्स को फॉलो करें और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।”
ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने इराक की राजधानी बगदाद से अपने कुछ राजनयिकों को हटा लिया है और पश्चिम एशिया में तैनात अमेरिकी सैनिकों के परिवारों को स्वैच्छिक रूप से क्षेत्र छोड़ने की अनुमति दी है।
इज़राइल द्वारा ईरान पर हमले शुरू किए जाने के बाद यरुशलम स्थित अमेरिकी दूतावास ने अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए ‘शेल्टर इन प्लेस’ अलर्ट जारी कर दिया।
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अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा, “इज़राइल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की है और इस कार्रवाई से पहले उसने अमेरिका को सूचित किया था कि यह हमला उसकी आत्मरक्षा के तहत जरूरी है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका इस हमले में शामिल नहीं है और उसकी प्राथमिकता क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी बलों की सुरक्षा है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार को व्हाइट हाउस के सिचुएशन रूम में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की बैठक करेंगे, जिसमें वे अपने शीर्ष सलाहकारों के साथ मौजूदा हालात पर चर्चा करेंगे। यह स्पष्ट नहीं है कि वे इस हमले पर कोई सार्वजनिक बयान देंगे या नहीं।
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) की बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने गुरुवार को बीस वर्षों में पहली बार ईरान को उसके सहयोग न करने के लिए फटकार लगाई। इसके तुरंत बाद ईरान ने एक तीसरी संवर्धन साइट शुरू करने और पुराने सेंट्रीफ्यूज की जगह नई तकनीक के उपकरण लगाने की घोषणा कर दी।
हालांकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस समय ईरान का सक्रिय हथियार कार्यक्रम नहीं है और अगर वह चाहे भी तो उसे हथियार विकसित करने, परीक्षण और तैनाती में कई महीने लग सकते हैं।
तेहरान में जब हमले शुरू हुए, तब ट्रंप व्हाइट हाउस के लॉन पर सांसदों से मुलाकात कर रहे थे। यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें हमले की जानकारी दी गई थी या नहीं, लेकिन वह कुछ मिनट तक हाथ मिलाते और तस्वीरें खिंचवाते रहे।
उन्होंने पहले कहा था कि उन्होंने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से किसी भी कार्रवाई को रोकने की अपील की थी, ताकि अमेरिका की ओर से चल रही परमाणु समझौते की बातचीत प्रभावित न हो।
ब्रेंट क्रूड में उछाल, हवाई क्षेत्र बंद
तनाव के बीच इज़राइल और ईरान दोनों ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। इस खबर के चलते ब्रेंट क्रूड की कीमतों में लगभग 8% की तेजी दर्ज की गई। इज़राइल का मुख्य हवाई अड्डा भी बंद कर दिया गया है।
इज़राइली रक्षा मंत्री इस्राइल कात्ज़ ने चेतावनी दी कि हमलों के बाद इज़राइल और उसकी नागरिक आबादी पर मिसाइल और ड्रोन हमले हो सकते हैं। उन्होंने लोगों से होम फ्रंट कमांड के निर्देशों का पालन करने और सुरक्षित स्थानों में रहने की अपील की है।