यूरोपीय संघ में उच्च मुद्रास्फीति (Inflation in Europe) पर काबू पाने की कोशिश में लगे यूरोपीय केंद्रीय बैंक (RCB) ने मंदी की आशंकाओं के बीच गुरुवार को लगातार नौंवीं बार पॉलिसी रेट में बढ़ोतरी की।
ईसीबी ने नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की जिससे यह 4.25 प्रतिशत पर पहुंच गई है। पिछले एक साल में ईसीबी ने उच्च मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए ब्याज दर में लगातार बढ़ोतरी की है।
मुद्रास्फीति पिछले महीने घटकर 5.5 प्रतिशत पर
यूरोपीय केंद्रीय बैंक की इन कोशिशों का असर भी पड़ा है। गत वर्ष अक्टूबर में 10.6 प्रतिशत के उच्च स्तर तक पहुंच गई मुद्रास्फीति पिछले महीने घटकर 5.5 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि अब भी यह दो प्रतिशत की आदर्श स्थिति से बहुत अधिक है।
ईसीबी की अध्यक्ष क्रिस्टीन लैगार्ड ने इस फैसले पर कहा, “सितंबर की अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक को लेकर हमारी सोच खुली हुई है। हम इसे बढ़ा सकते हैं या स्थिर भी रख सकते हैं। तत्कालीन आंकड़ों के आधार पर फैसला किया जाएगा।”
पिछले एक साल में मानक जमा दर 3.75 प्रतिशत पर
इस दर वृद्धि के साथ ईसीबी ने पिछले एक साल में मानक जमा दर को 3.75 प्रतिशत पर पहुंचा दिया है जो वर्ष 1999 में यूरो मुद्रा का चलन शुरू होने के बाद से सर्वाधिक है। ईसीबी का यह फैसला अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के दर वृद्धि के फैसले के एक दिन बाद आया है।
फेडरल रिजर्व ने पिछली 12 बैठकों में से 11वीं बार नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि करते हुए 5.25-5.50 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही उसने अगली बैठकों में भी वृद्धि की संभावना को खुला रखा है।
मुद्रास्फीति के कम होने और आय बढ़ने की संभावना
लैगार्ड ने यह स्वीकार किया कि यूरो क्षेत्र के लिए आर्थिक परिदृश्य खराब हुआ है और संक्षिप्त अवधि में इसके कमजोर ही बने रहने की आशंका है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति के कम होने और आय बढ़ने की संभावना है जिससे अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में मदद मिलेगी।