facebookmetapixel
रीपो रेट और WACR का बढ़ता तालमेल, मौद्रिक नीति में स्थिरता का संकेतरिन्यूएबल एनर्जी का नया युग, ग्रिड और बाजार सुधारों पर फोकसआईफोन 17 ने मचाया धमाल! ऐपल की तीसरी तिमाही में शिपमेंट और बिक्री में जबरदस्त उछालStocks To Watch Today: HCL Tech, BEL, Kirloskar Ferrous समेत आज इन स्टॉक्स पर रहेगी निवेशकों की नजरकोयला मंत्रालय ने बढ़ाई ‘स्वदेशी तकनीक’ की सीमा, विदेशी सहयोग भी माना जाएगाIndia-EU FTA: ईयू से एफटीए वार्ता में खास सफलता नहीं, कृषि और ऑटो पर रुकावटेंरेलवे में निजी निवेश की नई पटरी पर दौड़! सरकार ला सकती है ‘हाइब्रिड एन्युटी मॉडल’वाहन क्षेत्र : तीसरी तिमाही में हुए 4.6 अरब डॉलर के रिकॉर्ड सौदे, ईवी में बढ़ी रुचित्योहारी सीजन में जगी इजाफे की उम्मीद, डेवलपरों को धमाकेदार बिक्री की आसJLR हैकिंग से ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को 2.55 अरब डॉलर का नुकसान, 5,000 से ज्यादा संगठन हुए प्रभावित

‘भारत और अमेरिका के बीच BTA जल्द’, बोले एस जयशंकर- बातचीत जारी, बराबरी का समझौता जरूरी

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका जल्द द्विपक्षीय व्यापार समझौता कर सकते हैं, लेकिन यह तभी संभव है जब दोनों पक्ष बराबरी की शर्तों पर राजी हों।

Last Updated- July 01, 2025 | 10:54 PM IST
विदेश मंत्री एस. जयशंकर | फाइल फोटो

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उम्मीद जताई है कि भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) कर लेंगे मगर उन्होंने यह भी कहा कि समझौता होने की गारंटी नहीं दी जा सकती। तीन दिन की अमेरिका यात्रा पर गए जयशंकर ने ‘इस हाथ देने और उस हाथ लेने’ यानी बराबरी के समझौते को जरूरी बताते हुए कहा कि दोनों देशों को कहीं न कहीं रजामंद होना पड़ेगा।

मैनहटन में 9/11 मेमोरियल के पास वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में न्यूजवीक के सीईओ देव प्रगाड के साथ बातचीत में जयशंकर ने बीटीए पर बातचीत को बेहद जटिल बताते हुए कहा कि एक भारतीय प्रतिनिधमंडल इसके लिए कुछ दिनों से वाशिंगटन डीसी में ही है। न्यूजवीक के मुख्यालय में हुई इस बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘अगर दोनों पलड़े बराबर हो गए तो आपको नतीजा दिख जाएगा। कूटनीति उम्मीदों पर ही चलती है, इसीलिए मुझे उम्मीद है कि समझौता हो जाएगा। मगर जब तक हो नहीं जाता तब तक कुछ कह नहीं सकते।’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘सौदा बराबरी का होना चाहिए। जैसे अमेरिका के लोग भारतीयों के बारे में राय रखते हैं वैसे ही भारत के लोग भी उनके बारे में राय रखते हैं। इसीलिए हमें कहीं न कहीं रजामंद होना पड़ेगा और मुझे लगता है कि ऐसा हो सकता है। मेरे हिसाब से हमें कुछ दिन इंतजार करना होगा।’

भारत-अमेरिका रिश्तों पर उन्होंने कहा कि रिश्तों में समस्याएं या मतभेद कभी खत्म नहीं होंगे। लेकिन समस्याओं से निपटने और सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ने की क्षमता होना जरूरी है। व्यापार समझौते पर उन्होंने कहा, ‘हम बेहद पेचीदा व्यापार वार्ता पर काफी आगे बढ़ चुके हैं। मुझे बातचीत सफल रहने की उम्मीद है मगर मैं इसकी गारंटी नहीं दे सकता क्योंकि सामने दूसरा पक्ष भी है।’

जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) नहीं बल्कि द्विपक्षीय व्यापार समझौता है। उन्होंने कहा, ‘इसकी भी वजह है। एफटीए होता तो अमेरिकी संसद के पास जाता। बीटीए है तो अमेरिकी संसद में नहीं जाएगा।’ एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में गहन चर्चा हुई हैं और भारत उन देशों में होगा, जिसने सबसे ज्यादा बातचीत की है।

दोनों देशों के बीच मतभेद पर विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसा होता है और यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि बिल क्लिंटन से लेकर डॉनल्ड ट्रंप तक पांचों अमेरिकी राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में दोनों के बीच टकराव हुआ है। पाकिस्तान को एफ16 विमान बेचने की अमेरिकी योजना पर भारत की कार्रवाई याद करते हुए उन्होंने कहा कि विवाद तो हर बार लगा रहा है।

जब जयशंकर से पूछा गया कि व्यापार का इस्तेमाल कर भारत-पाकिस्तान के बीच हाल का संघर्ष रोकने के ट्रंप का दावा क्या सच है और उस दावे ने भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर असर तो नहीं डाला है तो उन्होंने कहा, ‘नहीं, मुझे नहीं लगता। मुझे लगता है कि जिन्हें व्यापार करना होता है, वे कर रहे हैं। यह आंकडों, उत्पादों और सौदों का खेल होता है। मुझे लगता है कि ने बहुत पेशेवर हैं और उनका पूरा ध्यान व्यापार पर ही रहता है।’

जयशंकर क्वाड के विदेश मंत्रियों की मंगलवार को होने वाली बैठकों में हिस्सा लेने अमेरिका गए हैं। अमेरिका से वह रियो डी जनेरो जाएंगे, जहां वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

First Published - July 1, 2025 | 10:26 PM IST

संबंधित पोस्ट