जोहानसबर्ग में आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले भारत ने सोमवार को कहा कि पांच देशों के इस समूह के विस्तार को लेकर उसका ‘खुला मन’ और ‘मंशा सकारात्मक’ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के शहर में 22 से 24 अगस्त तक आयोजित होने वाले 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे जायेंगे। उनकी यह यात्रा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामफोसा के निमंत्रण पर होगी। यह 2019 के बाद ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) नेताओं की पहली भौतिक उपस्थिति में होने वाली बैठक (इन पर्सन समिट) होगी।
हालांकि, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने पहले ही शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए जोहानसबर्ग नहीं जाने की घोषणा की है। ब्रिक्स पांच विकासशील देशों का समूह है जो विश्व की 41 प्रतिशत आबादी, 24 प्रतिशत वैश्विक GDP और 16 प्रतिशत वैश्विक कारोबार का प्रतिनिधित्व करता है।
PM मोदी जाएंगे अफीका, यूनान का भी करेंगे दौरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मंगलवार की सुबह जोहानसबर्ग रवाना होने का कार्यक्रम है। जोहानसबर्ग के बाद प्रधानमंत्री मोदी यूनान जाएंगे जहां वह मेजबान प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस के साथ दोनों देशों के सम्पूर्ण आयामों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच ब्रिक्स शिखर बैठक से इतर चर्चा होगी, विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय बैठकों को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ‘ब्रिक्स-अफ्रीका पहुंच और ब्रिक्स प्लस वार्ता’ विषय पर विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
करीब 23 देश शामिल होना चाहते हैं BRICS संगठन में
ब्रिक्स के विस्तार के संबंध में क्वात्रा ने कहा, ‘‘जब ब्रिक्स विस्तार की बात आती है तो हमारा इरादा सकारात्मक और मन खुला होता है।’’
ब्रिक्स का विस्तार शिखर बैठक का एक महत्वपूर्ण एजेंडा है। करीब 23 देशों ने समूह की सदस्यता के लिए आवेदन किया है। क्वात्रा ने कहा कि ब्रिक्स में नये सदस्यों को शामिल करने की रूपरेखा के बारे में इसके शेरपा के बीच चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी 25 अगस्त को एथेंस जायेंगे। उनकी इस यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सितंबर 1983 की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी की ग्रीस यात्रा होने जा रही है।