भारत और चिली ने परस्पर आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत शुरू करने की योजना बनाई है। मामले के जानकार लोगों ने यह जानकारी दी है।
फिलहाल दोनों देशों के बीच सीमित व्यापार समझौता है, जिसे तरजीही व्यापार समझौते (पीटीए) के रूप में जाना जाता है। एक सूत्र ने कहा कि दोनों देशों के बीच इस पर चुनाव के बाद चर्चा शुरू हो सकती है। चिली के साथ व्यापार करार करने से भारत को लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में अधिक पहुंच मिलेगी।
सूत्र ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘भारत के प्रमुख निर्यात बाजारों में मांग स्थिर हो चुकी है और इस वजह से लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे नए बाजार पर ध्यान देने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘चिली के साथ मौजूदा व्यापार समझौते के तहत 2 हजार से अधिक उत्पाद लाइन शामिल हैं। हमें यह देखने की जरूरत है कि एफटीए के तहत और कितनी उत्पाद लाइनों को शामिल किया जा सकता है।’
दोनों देशों के बीच सीमित व्यापार समझौता साल 2007 में शुरू हुआ था और भारत को 296 उत्पाद लाइनों पर शुल्क में रियायतें मिलीं। उसके बाद साल 2016 में पीटीए का विस्तार किया गया और 1,798 उत्पादों पर शुल्क कम कर दिया गया।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान लैटिन अमेरिकी देशों में चिली भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार था। साल 2022-23 के दौरान चिली के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 2.6 अरब डॉलर का था। उसमें 1.16 अरब डॉलर का निर्यात और 1.43 अरब डॉलर का आयात शामिल था।
चिली को भारत से होने वाले निर्यात में परिवहन उपकरण, दवा, पॉलिएस्टर के धागे, टायर एवं ट्यूब, धातुओं का निर्माण, परिधान, कार्बनिक, अकार्बनिक एवं कृषि रसायन, कपड़ा, रेडीमेड वस्त्र, प्लास्टिक के सामान, चमड़े के उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान, कृत्रिम आभूषण, खेल के सामान और हस्तशिल्प शामिल हैं।
वहीं दूसरी ओर, चिली से भारत उर्वरक, तांबा अयस्क, आयोडीन, तांबा एनोड, तांबा कैथोड, मोलिब्डेनम अयस्क और कंसंट्रेट्स, लीथियम कार्बोनेट एवं ऑक्साइड, धातु स्क्रैप, अकार्बनिक रसायन, लुगदी और अपशिष्ट कागज, फल और मेवे जैसी वस्तुओं का आयात करता है।