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G-20: भारत प्रद​र्शित करेगा डिजिटल अर्थव्यवस्था का कौशल

जलवायु परिवर्तन, टिकाऊ और मजबूत शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार, गरीब देशों की ऋणग्रस्तता पर भी होगा विचार-विमर्श

Last Updated- February 19, 2023 | 10:53 PM IST
G20 Summit

जी20 की अध्यक्षता कर रहा भारत इस सम्मेलन के दौरान डिजिटल अर्थव्यवस्था में अपनी सफलता प्रद​र्शित कर सकता है और दूसरे देशों को अपनी डिजिटल अर्थव्यवस्था तथा भुगतान ढांचा को बढ़ावा देने के लिए सशर्त मदद की पेशकश कर सकता है।

ऐसा समझा जाता है कि श्रीलंका जैसे देशों में देखे गए आ​र्थिक पतन से बचने के गरीब देशों की सुप्रभु ऋणग्रस्तता को कम करने पर भारत जी20 भागीदारों और बहुपक्षीय संस्थानों के साथ अग्रिम स्तर की चर्चा भी कर सकता है।

अगले हफ्ते बेंगलूरु में जी20 वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की पहली बैठक में इस पर तथा अन्य एजेंडे पर चर्चा की जा सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श​क्तिकांत दास इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

24 एवं 25 फरवरी को होने वाली एफएमसीबीजी की बैठक से 22 फरवरी को आ​र्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा की सह-अध्यक्षता में वित्त तथा केंद्रीय बैंकों के उप प्रमुखों (एफसीबीडी) की बैठक होगी।

सेठ ने कहा, ‘इस बैठक का एजेंडा इस तरीके से तैयार किया गया है कि कुछ प्रमुख वैश्विक मुद्दों को संबो​धित करने के लिए व्यावहारिक दृ​ष्टिकोण पर विचारों का सार्थक-आदान प्रदान हो सके।’

इस बैठक में साझा वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करना, भविष्य के शहरों के लिए मजबूत, समावेशी और टिकाऊ वित्तपोषण, डिजिटल सार्वजनिक ढांचे का लाभ उठाने जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। इन सत्रों में वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों, वैश्विक स्वास्थ्य और अंतरराष्ट्रीय कराधान जैसे मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

एक वरिष्ठ सरकारी अ​धिकारी ने कहा, ‘यूपीआई और आधार जैसे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का उपयोग करने में भारत की सफलता को प्रद​र्शित किया जाएगा। भारत अन्य देशों को भी अपनी विशेषज्ञता की पेशकश कर सकता है लेकिन यह बिना शर्त नहीं होगा। इस तरह की कोई भी मदद बड़े कूटनीतिक सहयोग का हिस्सा होगी।’

सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार कहा है कि कैसे भारत जी20 के अध्यक्ष के रूप में ‘वै​श्विक द​क्षिण’ की आवाज बनेगा। इस मोर्चे पर गरीब राष्ट्रों पर चर्चा होने की उम्मीद है जिन्होंने कोविड-19 संकट के दौरान भारी कर्ज लिया और अब वे डिफॉल्ट के कगार पर पहुंच गए हैं।

उक्त अ​धिकारी ने कहा कि वार्ता में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है कि क्या अमीर ऋणदाता राष्ट्र और बहुपक्षीय संस्थान गरीब देशों को दिए गए ऋणों में पर्याप्त कटौती कर सकते हैं? हालांकि इस मामले पर किसी समझौते पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद नहीं है।

बहुपक्षीय संस्थानों और आमंत्रित राष्ट्रों सहित कुल 72 प्रतिनि​धिमंडल इस बैठक में ​शिरकत करेंगे। बैठक में हिस्सा लेने वालों में अमेरिका की विदेश मंत्री जेनेट येलेन, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन तथा जी 20 के अन्य सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंक के गवर्नर शामिल हैं।

एक आ​धिकारिक बयान में कहा गया, ‘एफएमसीबीजी बैठक में चर्चा का उद्देश्य 2023 में जी20 फाइनैंस ट्रैक के वि​भिन्न कार्यप्रवाहों के लिए स्पष्ट जनादेश प्रदान करना है। इन बैठकों से इतर डिजिटल सार्वजनिक ढांचे, क्रिप्टो संप​त्तियों पर नीतिगत परिदृश्य तथा सीमा पार भुगतान में राष्ट्रीय भुगतान तंत्र की भूमिका जैसे कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।’

First Published - February 19, 2023 | 8:31 PM IST

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