फ़ोर्ब्स की नई सूची के अनुसार, भारतीय मूल के अरबपतियों की संख्या अमेरिका में सबसे अधिक हो गई है, जिसने इज़राइल को भी पीछे छोड़ दिया है। 2025 में भारत के 12 अरबपति इस सूची में शामिल हुए हैं, जबकि इज़राइल और ताइवान के अरबपतियों की संख्या 11-11 है। प्रतिष्ठित फ़ोर्ब्स 2025 की रिपोर्ट “अमेरिका के सबसे अमीर प्रवासी” में इस बात की पुष्टि की गई है कि भारतीय मूल के उद्यमी और पेशेवर अब वैश्विक आर्थिक मंच पर अहम भूमिका निभा रहे हैं। सबसे अमीर भारतीय-अमेरिकी हैं जय चौधरी, जिनकी संपत्ति $17.9 बिलियन याने 1,53,414 करोड़ रुपये है। हिमाचल प्रदेश के एक छोटे गाँव में जन्मे जय ने 1980 के दशक में अमेरिका जाकर शिक्षा प्राप्त की और वहां Zscaler नामक साइबर सुरक्षा कंपनी की स्थापना की।
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125 विदेशी मूल के अरबपति अब अमेरिका में रह रहे हैं, जो 2022 में 92 थे। ये अरबपति 43 देशों से हैं और अमेरिका के कुल अरबपतियों का 14% हिस्सा बनाते हैं। इनकी कुल संपत्ति $1.3 ट्रिलियन है, जो अमेरिका के कुल अरबपति संपत्ति ($7.2 ट्रिलियन) का 18% है। ताइवान अब 11 अरबपतियों के साथ इज़राइल के बराबर हो गया है, जबकि 2022 में केवल 4 ताइवानी अरबपति थे। फ़ोर्ब्स की रिपोर्ट बताती है कि जहाँ अमेरिकी अरबपतियों में से 25% ने अपनी संपत्ति विरासत में पाई, वहीं प्रवासी अरबपतियों में से 93% ने अपनी दौलत खुद बनाई है (Self-Made)। इनमें से 53 अरबपति टेक्नोलॉजी क्षेत्र से और 28 वित्त क्षेत्र से जुड़े हैं।
नाम | कुल संपत्ति ($B) | क्षेत्र |
जय चौधरी | 17.9 | साइबर सुरक्षा (Zscaler) |
विनोद खोसला | 9.2 | सन माइक्रोसिस्टम्स, वेंचर कैपिटल |
राकेश गंगवाल | 6.6 | एयरलाइन |
रोमेश टी. वाधवानी | 5.0 | सॉफ्टवेयर |
राजीव जैन | 4.8 | वित्त |
कावितार्क राम श्रीराम | 3.0 | गूगल, वेंचर कैपिटल |
राज सरदाना | 2.0 | टेक्नोलॉजी सेवाएं |
डेविड पॉल | 1.5 | मेडिकल उपकरण |
निकेश अरोड़ा | 1.4 | साइबर सुरक्षा, सॉफ्टबैंक, गूगल |
सुंदर पिचाई | 1.1 | अल्फाबेट (गूगल की मूल कंपनी) |
सत्य नडेला | 1.1 | माइक्रोसॉफ्ट |
नीरजा सेठी | 1.0 | आईटी कंसल्टिंग |
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